हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए स्वास्थ्य, संतुलन और शांति का प्रतीक बन चुका है। योग, जो कि भारत की प्राचीन परंपरा का हिस्सा है, आज एक वैश्विक आंदोलन का रूप ले चुका है। यह शारीरिक, मानसिक और आत्मिक संतुलन को बढ़ावा देने वाला अभ्यास है, जो बिना किसी दवा या उपकरण के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
योग: भारत की संस्कृति से दुनिया तक
भारत में हजारों वर्षों से योग एक साधना और जीवनशैली का हिस्सा रहा है। यह न केवल शरीर को लचीला और तंदुरुस्त बनाता है, बल्कि मानसिक तनाव को भी दूर करता है। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी। तब से यह दिन विश्वभर में उत्साह से मनाया जाता है।
2025 का थीम: "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य"
इस वर्ष योग दिवस का विषय है “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य”। यह थीम इस बात पर बल देती है कि मानव और प्रकृति का स्वास्थ्य आपस में जुड़ा हुआ है। योग न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि सामूहिक रूप से भी यह समाज और पर्यावरण की भलाई में योगदान करता है।
राजस्थान में योग और पर्यटन का अद्भुत मेल
राजस्थान सरकार ने इस बार योग दिवस को केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का उत्सव मानने तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देने के एक माध्यम के रूप में प्रस्तुत किया। जयपुर, उदयपुर, माउंट आबू, अजमेर, और चित्तौड़गढ़ जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सामूहिक योग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
जयपुर के आमेर किले में सैकड़ों लोग सूर्य नमस्कार करते नजर आए, तो पुष्कर की पवित्र सरोवर के किनारे मंत्रोच्चारण के साथ योग किया गया। यह पहल न केवल योग को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है, बल्कि राजस्थान को वेलनेस टूरिज्म के एक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम भी है।
प्रमुख आयोजन और भागीदारी
इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम में लगभग 3 लाख लोगों के साथ सामूहिक योग करके एक नया कीर्तिमान रचा। साथ ही देशभर में केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, खिलाड़ियों, फिल्मी हस्तियों और आम नागरिकों ने बड़ी संख्या में योग कार्यक्रमों में भाग लिया।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में बाबा रामदेव और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने योग किया। दिल्ली में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विदेशी राजनयिकों के साथ योग करते हुए भारत के सांस्कृतिक प्रभाव को प्रदर्शित किया।
योग: स्वास्थ्य के साथ आत्मबल की कुंजी
आज की तनावपूर्ण जीवनशैली में योग एक सरल लेकिन प्रभावी समाधान है। यह शरीर को बीमारियों से बचाने, मन को शांत रखने और आत्मा को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है। वैज्ञानिक शोधों से भी यह साबित हो चुका है कि नियमित योग अभ्यास से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन, हॉर्मोनल असंतुलन जैसे कई रोगों से राहत मिलती है।
निष्कर्ष
योग दिवस 2025 ने यह फिर से सिद्ध कर दिया कि योग अब केवल भारत की नहीं, पूरी दुनिया की धरोहर बन चुका है। राजस्थान जैसे राज्यों ने योग के साथ पर्यटन और संस्कृति को जोड़कर इस आंदोलन को और व्यापक बना दिया है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से न केवल योग को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है, बल्कि भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ को भी वैश्विक मंच पर मजबूत किया जा रहा है।
इस योग दिवस पर यही संदेश गूंज रहा है —
“योग सभी के लिए है, योग हर दिन के लिए है।”