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पीएम मोदी को मिला G7 शिखर सम्मेलन का आमंत्रण, कनाडा के PM ने किया फोन

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Posted On:Saturday, June 7, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि उन्होंने कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से फोन पर बात की है। इस बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा में हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में मार्क कार्नी की जीत पर उन्हें बधाई दी। साथ ही, उन्होंने कनाडा में इस महीने के अंत में होने वाले G7 शिखर सम्मेलन में उन्हें आमंत्रित करने के लिए भी धन्यवाद दिया। मोदी ने अपने संदेश में कहा कि भारत और कनाडा के बीच गहरे जन-जन संबंध हैं और दोनों लोकतंत्र एक-दूसरे का सम्मान करते हुए साझा हितों के लिए मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि इस शिखर सम्मेलन में उनसे मिलने का बेसब्री से इंतजार है।


कनाडा में G7 शिखर सम्मेलन का महत्व

इस वर्ष का G7 शिखर सम्मेलन कनाडा के कनानसकीस में 15 से 17 जून के बीच आयोजित किया जाएगा। G7, दुनिया के प्रमुख विकसित देशों का समूह है, जिसमें कनाडा के अलावा फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंगडम, जापान, और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। इसके अलावा, यूरोपीय संघ (ईयू), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक संगठनों को भी इस बैठक में आमंत्रित किया जाता है।

यह शिखर सम्मेलन विश्व की महत्वपूर्ण आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा का मंच होता है। इस बार के सम्मेलन में रूस-यूक्रेन संघर्ष, पश्चिम एशिया की स्थिति, वैश्विक ऊर्जा संकट, जलवायु परिवर्तन, और आर्थिक स्थिरता जैसे विषय प्रमुखता से चर्चा के केंद्र में रहेंगे। इन मुद्दों पर G7 देशों का सामूहिक दृष्टिकोण वैश्विक राजनीति को दिशा देने में अहम भूमिका निभाता है।

प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह सम्मेलन महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि वे भारत के प्रतिनिधि के तौर पर विश्व मंच पर देश की ताकत और उसकी विकास योजनाओं को प्रभावी रूप से प्रस्तुत कर सकते हैं। साथ ही, यह मौका भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती देने का भी होगा।


भारत-कनाडा संबंधों का नया अध्याय

भारत और कनाडा के बीच लंबे समय से मजबूत दोस्ताना और सहयोगी संबंध रहे हैं। दोनों देश लोकतंत्र और विविधता के सम्मान के आधार पर जुड़े हुए हैं। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में खालिस्तान समर्थकों को लेकर विवाद ने दोनों देशों के बीच कड़वाहट पैदा कर दी थी। तब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो थे, जिनके कार्यकाल में भारत-कनाडा संबंधों में तनाव देखने को मिला।

अब, नई सरकार के साथ प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में यह उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते फिर से सकारात्मक दिशा में जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा फोन पर बधाई और शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रण को इसी आशा के रूप में देखा जा रहा है। यह संकेत है कि दोनों देश भविष्य में अपने राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संबंधों को पुनः स्थापित करने का प्रयास करेंगे।

भारत और कनाडा दोनों ही आर्थिक, तकनीकी, शिक्षा और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को आगे बढ़ाना चाहते हैं। खासकर, कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और जनसंपर्क के पुल का काम करते हैं।


प्रधानमंत्री मोदी का संवाद और वैश्विक राजनीति में भारत की भूमिका

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पोस्ट में दोनों लोकतंत्रों की जीवंतता और जन-जन के बीच गहरे संबंधों का ज़िक्र किया। यह संदेश स्पष्ट करता है कि भारत वैश्विक मंच पर केवल अपने स्वार्थों को आगे नहीं बढ़ा रहा, बल्कि सहयोग, सम्मान और साझा हितों के माध्यम से विश्व व्यवस्था में सकारात्मक भूमिका निभाना चाहता है।

G7 जैसे प्लेटफॉर्म पर भारत की उपस्थिति वैश्विक आर्थिक नीतियों, जलवायु परिवर्तन से लड़ाई, और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक रणनीतियों पर प्रभाव डालती है। भारत का स्थान बढ़ने से, खासकर विकासशील देशों के हितों की आवाज़ को बल मिलता है।

इस प्रकार, मोदी का कनाडा के प्रधानमंत्री से संवाद न केवल द्विपक्षीय रिश्तों की बहाली का संकेत है, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की सक्रियता और उसकी बढ़ती भूमिका का भी परिचायक है।


भविष्य की संभावनाएं

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ इस बातचीत के बाद यह उम्मीद बढ़ी है कि भारत-कनाडा संबंध नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं। आर्थिक सहयोग, सुरक्षा साझेदारी, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच नए समझौते हो सकते हैं।

विशेष रूप से, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर दोनों देशों के अनुभव और संसाधन मिलकर वैश्विक समाधान खोजने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, तकनीकी नवाचार और डिजिटल अर्थव्यवस्था में साझेदारी से दोनों देशों को लाभ मिलेगा।


निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच हुई यह पहली औपचारिक बातचीत नई उम्मीदों का संचार करती है। G7 शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं की मुलाकात से भारत-कनाडा संबंधों में नई ऊर्जा आएगी। वैश्विक चुनौतियों के बीच दोनों देश मिलकर न केवल अपने आर्थिक और राजनीतिक हितों को सशक्त करेंगे, बल्कि विश्व शांति और स्थिरता में भी योगदान देंगे।

भारत के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि वह विश्व राजनीति में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रहा है और समान विचारधारा वाले देशों के साथ मिलकर वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को और व्यापक बना रहा है।

इस नई शुरुआत के साथ भारत और कनाडा दोनों ही अपने भविष्य के संबंधों को गहरे सम्मान, सहयोग और सामंजस्य के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं


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