अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी बेबाकी से दुनिया का ध्यान खींच लिया है। इस बार उनका निशाना भारत और पाकिस्तान रहे। ट्रंप ने न केवल दोनों देशों को युद्ध की भाषा बंद करने की चेतावनी दी, बल्कि साफ कर दिया कि यदि वे आपस में भिड़ते रहे, तो अमेरिका उनके साथ व्यापारिक संबंध समाप्त कर देगा।
ट्रंप का यह बयान उस वक्त आया है जब भारत और अमेरिका के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर गहन बातचीत चल रही है। हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि वे भारत के साथ एक संतुलित व्यापार समझौते की दिशा में प्रयासरत हैं, लेकिन अगर भारत और पाकिस्तान में युद्ध जैसे हालात बने रहते हैं, तो अमेरिका को अपने व्यापारिक हितों की रक्षा करनी पड़ेगी।
ट्रंप बोले: “भारत को बताना होगा क्या करना है”
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा,
“हम भारत को बताने जा रहे हैं कि अमेरिका के साथ व्यापार करने के लिए उन्हें क्या करना होगा।”
उनके मुताबिक, भारत के साथ एक ऐसा समझौता होना चाहिए, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो। लेकिन ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि भारत और पाकिस्तान की आपसी दुश्मनी, खासकर परमाणु युद्ध की धमकियों के चलते, अमेरिका को अपने कदम पीछे खींचने पड़ सकते हैं। उन्होंने दो टूक कहा,
“अगर भारत और पाकिस्तान फिर से लड़ने लगे, परमाणु हथियारों की बात करें, तो अमेरिका उनके साथ ट्रेड नहीं करेगा।”
भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंध लंबे समय से मजबूत रहे हैं। 2024 में दोनों देशों के बीच 77.5 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है।
भारत अमेरिका को क्या बेचता है?
अमेरिका से भारत क्या खरीदता है?
अगर अमेरिका ट्रेड बंद करता है तो भारत पर क्या असर?
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IT और सॉफ्टवेयर सेक्टर प्रभावित होगा
गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न जैसी अमेरिकी कंपनियों का बड़ा आउटसोर्सिंग बेस भारत में है। व्यापार ठप होने से लाखों नौकरियों पर असर पड़ेगा।
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फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर को बड़ा झटका
भारत अमेरिका को बड़ी मात्रा में जेनेरिक दवाएं निर्यात करता है। अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है। व्यापार बंद होने पर फार्मा कंपनियों को करोड़ों का नुकसान होगा।
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रोजगार संकट
टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर भी प्रभावित होंगे। लाखों नौकरियां जा सकती हैं जिससे देश में बेरोजगारी की दर बढ़ेगी।
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उद्योगों के लिए कच्चा माल महंगा होगा
अमेरिका से आने वाली तकनीक और पेट्रोलियम उत्पादों की अनुपलब्धता से उत्पादन लागत बढ़ेगी। इससे महंगाई बढ़ सकती है।
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विदेशी मुद्रा भंडार घटेगा
अमेरिका से होने वाली विदेशी मुद्रा आय बंद होने से भारतीय रुपये पर दबाव बढ़ेगा, जिससे रुपया कमजोर होगा और महंगाई और आयात की लागत बढ़ेगी।
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निवेश पर असर
अमेरिका भारत में बड़ा निवेशक है। व्यापारिक रिश्ते टूटने पर स्टार्टअप्स और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स प्रभावित होंगे।
रणनीतिक साझेदारी को भी खतरा
भारत और अमेरिका के बीच चीन के खिलाफ सामरिक सहयोग भी चल रहा है। क्वाड जैसे मंच, इंडो-पैसिफिक नीति और रक्षा सहयोग अगर प्रभावित होता है, तो इससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
विकल्प तलाशना आसान नहीं
अगर अमेरिका से व्यापार रुकता है, तो भारत को यूरोपीय संघ, जापान या दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों की ओर रुख करना होगा। लेकिन इन विकल्पों को सक्रिय करना और उसी स्तर पर लाभ पाना तत्काल संभव नहीं।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं बल्कि आर्थिक संकेत है, जो भारत और पाकिस्तान दोनों को चेतावनी देता है कि क्षेत्रीय स्थिरता न सिर्फ शांति के लिए जरूरी है, बल्कि आर्थिक रिश्तों की नींव भी उसी पर टिकी है। अमेरिका के साथ व्यापार न केवल भारत की अर्थव्यवस्था बल्कि वैश्विक रणनीतिक स्थिति के लिए भी अहम है। ऐसे में भारत को युद्ध से अधिक संवाद और स्थिरता की ओर बढ़ना होगा, ताकि वह वैश्विक शक्ति संतुलन में अपनी भूमिका को कायम रख सके।