मुंबई, 17 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जोधपुर में पुलिस की छवि को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहां चार पुलिसकर्मियों ने मॉल में खरीदारी करने आए दो दोस्तों को बंधक बनाकर 9 लाख 50 हजार रुपए लूट लिए। इस दौरान आरोपियों ने न केवल नकद पैसे वसूले, बल्कि पीड़ितों को धमकाकर उनसे क्रिप्टो करेंसी भी ट्रांसफर करवा ली। घटना के बाद पूरे पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। 14 जुलाई की शाम को हुई इस वारदात में एक पुलिसकर्मी वर्दी में था और तीन अन्य सादे कपड़ों में थे। दोनों दोस्तों से दो लाख रुपए नकद और साढ़े सात लाख रुपए की क्रिप्टो करेंसी वसूली गई। पुलिसकर्मियों ने धमकाया कि अगर इस मामले की जानकारी किसी को दी तो झूठे केस में फंसा दिया जाएगा। इस मामले में 16 जुलाई को पीड़ितों ने साहस दिखाते हुए डीसीपी (पूर्व) से शिकायत की, जिसके बाद डीसीपी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चारों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया। आरोपी सिपाही नृसिंगराम, राकेश पूनिया, लादूराम और जगमालराम को महामंदिर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
घटना के अनुसार 14 जुलाई की शाम दिलीप गौड़ और रमेश मॉल पहुंचे थे, तभी पुलिस की ब्रेजा कार में आए आरोपी पुलिसकर्मियों ने दोनों को धमकाते हुए गाड़ी में बिठा लिया। जगमाल ने खुद ड्राइविंग सीट संभाली और सिपाहियों ने बताया कि उनका अपहरण हो गया है। मौके पर ही दोनों से 50-50 हजार रुपए वसूल लिए गए और फिर माता का थान थाने ले जाया गया, जहां कैमरे बंद करवा दिए गए। थाने में सिपाही राकेश ने भी शामिल होकर दोनों पीड़ितों और उनके परिवार की बैंक डिटेल्स हासिल कीं। दिलीप से उसकी पत्नी का एटीएम कार्ड और पासवर्ड ले लिया गया, जबकि रमेश से बैंक से एक लाख रुपए मंगवाकर रख लिए गए। इसके अलावा पुलिसकर्मियों ने दिलीप का आईफोन-14 जब्त कर उसमें मौजूद साढ़े सात लाख की क्रिप्टो करेंसी अपने आदमी के अकाउंट में ट्रांसफर करवाई और कुछ कागजों पर जबरन हस्ताक्षर भी लिए। रात करीब साढ़े आठ बजे दोनों को धमकाकर छोड़ दिया गया और कहा गया कि अगर किसी को बताया तो झूठे केस में फंसा दिया जाएगा। इसके बाद पीड़ितों ने डीसीपी से संपर्क कर घटना की जानकारी दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच आईपीएस हेमंत कलाल को सौंपी गई है। विभागीय जांच के बाद चारों आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया और डीसीपी आलोक श्रीवास्तव ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है। विभागीय जांच भी शुरू की जा चुकी है।