मुंबई, 02 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) ने मंगलवार को बड़ा कदम उठाते हुए एमएलसी के. कविता को पार्टी से निलंबित कर दिया। यह निर्णय पार्टी प्रमुख और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने लिया। बीआरएस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि कविता की गतिविधियां पार्टी लाइन के खिलाफ थीं, इसलिए यह सख्त कदम उठाना पड़ा। कविता ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के सहयोगियों पर केसीआर की छवि खराब करने के आरोप लगाए थे। कविता 2014 से 2019 तक निजामाबाद से सांसद रह चुकी हैं। लंबे समय से यह चर्चा भी है कि पार्टी नेतृत्व को लेकर उनके भाई केटी रामा राव और चचेरे भाई टी. हरीश राव के बीच खींचतान चल रही है।
कविता का कहना है कि उनके भाई और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर पार्टी को भाजपा में मिलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वरिष्ठ नेता हरीश राव और मेघा कृष्ण रेड्डी उनके पिता को भ्रष्टाचार मामलों में बलि का बकरा बनाना चाहते हैं। कविता ने यह भी कहा कि कलेश्वरम लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट घोटाले की जांच में उनके पिता का नाम आया, लेकिन उस दौरान सिंचाई मंत्री रहे हरीश राव का नाम सामने नहीं आया। कविता का नाम दिल्ली शराब नीति घोटाले में भी जुड़ा है, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। उनका कहना है कि इस मामले में उन्हें फंसाने की कोशिश भी पार्टी के भीतर से की गई। इसी साल मई में उन्होंने अपने पिता को एक पत्र लिखा था, जिसमें आरोप लगाया था कि केसीआर भाजपा पर सख्त रुख नहीं अपना रहे, जिससे यह संदेश जा रहा है कि वे भाजपा के साथ जाने की तैयारी कर रहे हैं।
बीआरएस में खींचतान 2023 के चुनावी हार के बाद और तेज हो गई है। पार्टी प्रमुख केसीआर की बढ़ती उम्र और धीरे-धीरे सक्रिय राजनीति से दूरी को देखते हुए यह सवाल बड़ा हो गया है कि पार्टी का अगला चेहरा कौन होगा। केसीआर ने बेटे केटीआर को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है, लेकिन कविता भी खुद को पार्टी में प्रभावशाली नेता मानती हैं। यही विवाद का बड़ा कारण है। विशेषज्ञों का मानना है कि केटीआर पार्टी को ज्यादा पेशेवर तरीके से आगे बढ़ाना चाहते हैं, जबकि कविता का झुकाव भावनात्मक और जमीनी राजनीति की ओर है। यही अलग-अलग काम करने के तरीके परिवार और पार्टी में टकराव की वजह बन रहे हैं।