भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की 31वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) 22 दिसंबर को होने वाली है। इस बार बैठक को लेकर क्रिकेट जगत में खासा उत्साह है, क्योंकि एजेंडे में कई अहम मुद्दे शामिल हैं। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा टीम इंडिया के दो दिग्गज खिलाड़ियों—विराट कोहली और रोहित शर्मा—के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट को लेकर है। पिछले एक साल में दोनों वरिष्ठ खिलाड़ियों ने टेस्ट और टी20 फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है और अब केवल वनडे क्रिकेट में उपलब्ध हैं। ऐसे में उनके कॉन्ट्रैक्ट ग्रेड पर बड़ा असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
A+ कैटेगरी से बाहर हो सकते हैं कोहली–रोहित?
2024–25 के कॉन्ट्रैक्ट साइकिल में विराट कोहली और रोहित शर्मा को A+ कैटेगरी में रखा गया था, जिसमें जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जडेजा जैसे ऑल-फॉर्मेट खिलाड़ी भी शामिल हैं। A+ ग्रेड का मतलब है खिलाड़ियों को सालाना 7 करोड़ रुपये का रिटेनरशिप मिलता है। हालांकि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए BCCI इस कैटेगरी की पुनः समीक्षा करने जा रहा है।
A+ से A ग्रेड में आने पर खिलाड़ियों की सालाना सैलरी 7 करोड़ से घटकर 5 करोड़ हो जाएगी, यानी लगभग 2 करोड़ रुपये का सीधा फर्क पड़ेगा। चूँकि अब कोहली और रोहित सिर्फ वनडे फॉर्मेट में उपलब्ध हैं, इसलिए उच्चतम ग्रेड में बने रहना मुश्किल माना जा रहा है। BCCI के सूत्रों के अनुसार, कॉन्ट्रैक्ट नीति में “ऑल-फॉर्मेट उपलब्धता” को महत्वपूर्ण मानदंड बनाया गया है, जिससे इन दिग्गजों पर असर पड़ सकता है।
शुभमन गिल की होगी A+ में एंट्री?
यह AGM कई युवा खिलाड़ियों के लिए भी अहम साबित हो सकती है। खासतौर पर टीम इंडिया के मौजूदा वनडे और टेस्ट कप्तान शुभमन गिल पर सबकी निगाहें टिकी होंगी। गिल अभी A कैटेगरी में हैं, लेकिन पिछले एक साल में उनके प्रदर्शन और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें बोर्ड की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर ला दिया है।
टीम की कप्तानी मिलने के बाद शुभमन ने लगातार सभी फॉर्मेट में अपनी अहम मौजूदगी दर्ज कराई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें A+ ग्रेड में प्रमोशन मिलने की लगभग पूरी संभावना है। इस कैटेगरी में मौजूदा समय में सिर्फ बुमराह और जडेजा हैं, जो सभी फॉर्मेट में टीम की प्रमुख आवश्यकता बने हुए हैं।
महिला क्रिकेट और घरेलू क्रिकेट भी रहेगा फोकस में
AGM में पुरुष खिलाड़ियों के कॉन्ट्रैक्ट के अलावा महिला क्रिकेट के लिए भी बड़े फैसले हो सकते हैं। बोर्ड महिला घरेलू क्रिकेटर्स की सैलरी और कॉन्ट्रैक्ट स्ट्रक्चर को लेकर महत्वपूर्ण सुधार प्रस्ताव पर विचार करेगा। पिछले कुछ वर्षों में महिला क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ी है, और बोर्ड भी इसे मजबूत बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाना चाहता है। इसके साथ ही अंपायर्स और मैच रेफरी की फीस बढ़ाने का प्रस्ताव भी चर्चा में रहेगा। घरेलू टूर्नामेंट्स में भाग लेने वाले अंपायरों और अधिकारियों को लंबे समय से बेहतर मानदेय की मांग करते देखा गया है, इसलिए इस बार बोर्ड उन मांगों पर गंभीरता से विचार कर सकता है।
BCCI में बड़े बदलावों के बाद पहली AGM
यह AGM खास इसलिए भी है क्योंकि BCCI में हाल ही में बड़े प्रशासनिक बदलाव हुए हैं। सितंबर माह में कई महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ की गईं:
नए नेतृत्व के साथ होने वाली यह पहली AGM भारतीय क्रिकेट के भविष्य से जुड़े बड़े फैसले कर सकती है। खिलाड़ियों के कॉन्ट्रैक्ट स्ट्रक्चर, घरेलू क्रिकेट, महिला क्रिकेट और प्रशासनिक सुधार—इन सभी पर लिए जाने वाले निर्णय आने वाले वर्षों में भारतीय क्रिकेट की दिशा तय करेंगे।