जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है। इस हमले के बाद पाकिस्तान के कुछ नेताओं ने भारत के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी की है। इनमें से एक नाम है पलवाशा मोहम्मद जई खान, जो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की उप संचार सचिव हैं। जई खान ने सीनेट में एक विवादित बयान दिया है, जिसने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को और भी तनावपूर्ण बना दिया है।
पलवाशा मोहम्मद जई खान कौन हैं?
पलवाशा मोहम्मद जई खान पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की उप संचार सचिव हैं। वह सिंध से महिला आरक्षित सीट से सीनेट की सदस्य बनीं थीं और 2021 में उच्च सदन की सदस्यता प्राप्त की थी। जई खान ने 2008 से 2013 तक पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में भी सदस्य के रूप में काम किया था। अपनी राजनीतिक यात्रा में जई खान ने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, लेकिन इस बार वह भारत के खिलाफ दिए गए अपने विवादित बयान की वजह से चर्चा में आ गई हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जई खान का विवादित बयान
पहलगाम हमले के बाद जई खान ने भारत के खिलाफ एक भड़काऊ भाषण दिया था। उन्होंने कहा था कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद के निर्माण की पहली ईंट पाकिस्तान के सैनिकों द्वारा रखी जाएगी। इसके साथ ही, जई खान ने यह भी कहा कि जब मस्जिद बन जाएगी, तो पहली अजान पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर देंगे। इसके अलावा, जई खान ने भारत को धमकी देते हुए यह कहा कि अगर पाकिस्तान का पानी बंद किया गया तो खून की नदियां बहाई जाएंगी। यह बयान भारत के खिलाफ सीधी चुनौती था और दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ाने का कारण बना।
भारत के खिलाफ जई खान की बयानबाजी और पाकिस्तान का आक्रामक रवैया
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच जई खान ने भारत के खिलाफ कई और विवादित बयान दिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कोई चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं, और वह कभी भी अपनी धरती और संप्रभुता की रक्षा के लिए तैयार हैं। उनका यह बयान भारतीय नेताओं और सेना के लिए एक सीधी चुनौती के रूप में देखा गया।
इसके अलावा, जई खान ने पाकिस्तान की सैन्य शक्ति का भी उल्लेख किया और भारत को चेतावनी दी कि पाकिस्तान के पास सिर्फ 6-7 लाख सैनिक नहीं हैं, बल्कि उनके पास 25 करोड़ लोगों की फौज है। उनका कहना था कि अगर वतन पर मुसीबत आई, तो यह 25 करोड़ लोग सिपाही बनकर देश की रक्षा करेंगे। यह बयान पाकिस्तान के सैन्य बलों और नागरिकों की ताकत को बढ़ावा देने के लिए दिया गया था।
सिख समुदाय के खिलाफ भी दिया विवादित बयान
पलवाशा जई खान ने भारत में सिख समुदाय को लेकर भी एक विवादित टिप्पणी की। उन्होंने सिख समुदाय के लीडर गुरपतवंत सिंह पन्नू की तारीफ करते हुए कहा कि उनके द्वारा कहा गया यह बयान कि भारतीय पंजाब के सिख पाकिस्तान से लड़ने नहीं आएंगे, वह एक महान जज्बा है। इस बयान ने भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक और राजनीतिक भावनाओं को और उत्तेजित किया।
क्या जई खान के बयान से तनाव और बढ़ेगा?
पलवाशा मोहम्मद जई खान का यह विवादित बयान पाकिस्तान की कूटनीतिक स्थिति को और कठिन बना सकता है। भारत के खिलाफ दी गई उनकी धमकियों से यह प्रतीत होता है कि पाकिस्तान अभी भी अपनी आतंकी नीतियों से बाहर नहीं निकल पाया है और वह भारत से सैन्य टकराव की ओर अग्रसर हो सकता है। इस तरह के बयान केवल दोनों देशों के बीच संवाद को और बाधित करते हैं और उनके रिश्तों में और दूरियां उत्पन्न कर सकते हैं।
भारत सरकार और भारतीय सेना ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान से मिल रही धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और किसी भी सूरत में अपनी संप्रभुता और सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे। जई खान के बयान ने यह साफ कर दिया है कि पाकिस्तान की कुछ राजनीतिक और सैन्य ताकतें अभी भी आतंकवाद को पाकिस्तान के आंतरिक राजनीति में एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने से बाज नहीं आई हैं।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अब पहले से कहीं ज्यादा गहरा हो गया है, और जई खान के विवादित बयान ने इस खाई को और बढ़ा दिया है। दोनों देशों की सरकारें और उनके नेता अब खुफिया रणनीति और सैन्य बल के अलावा डिप्लोमैटिक चैनलों के जरिए ही इस स्थिति का समाधान निकाल सकते हैं, अन्यथा यह तनाव और युद्ध की ओर बढ़ सकता है।