भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को लगातार दूसरे कारोबारी दिन गिरावट के साथ बंद हुआ, जिसमें लगभग सभी प्रमुख सूचकांकों ने लाल निशान में कारोबार समाप्त किया। यह गिरावट मुख्य रूप से कमजोर अंतरराष्ट्रीय रुझानों और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली के कारण दर्ज की गई। इस दौरान, घरेलू बाजार एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक विकास की संभावनाओं पर भी प्रतिक्रिया कर रहा था। बाजार में यह गिरावट तब आई जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता की गति तेज होने की खबरें सामने आईं। बताया जा रहा है कि इस सप्ताह होने वाली उच्च स्तरीय बातचीत में, भारत कथित तौर पर रूसी तेल खरीद पर अमेरिका की चिंताओं को कम करने के लिए अमेरिकी ऊर्जा और गैस के आयात को बढ़ाने पर सहमत हो गया है। इस समझौते का विवरण आने वाले दिनों में बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकता है।
बाजार का आउटलुक: रेंज-बाउंड मूवमेंट की आशंका
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि निकट भविष्य में बाजार एक सीमित दायरे (रेंज-बाउंड) में कारोबार कर सकता है। वैश्विक रुझान, विदेशी निवेशकों का प्रवाह (FII Flow), और वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के कॉर्पोरेट परिणाम आगामी भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे के अनुसार, निफ्टी में निराशावादी रुझान दिखा क्योंकि कॉल राइटर्स सुबह 25,300 के स्तर पर मजबूत बने रहे, जिसके कारण सूचकांक 25,100 से नीचे फिसल गया। दैनिक चार्ट पर, 'बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न' ने ट्रेडर्स के बीच बढ़ती निराशावाद को दर्शाया। इसके अलावा, दैनिक समय सीमा पर 'ओवर-टॉप फॉर्मेशन' दिखाई दे रहा है। डे ने कहा कि वर्तमान स्थिति शॉर्टटर्म कमजोरी की ओर इशारा कर रही है। निफ्टी के लिए तत्काल समर्थन (Immediate Support) 25,000 के स्तर पर है, जबकि प्रतिरोध (Resistance) 25,200 से 25,300 के दायरे में दिख रहा है।
बुधवार को सकारात्मक शुरुआत की उम्मीद
मंगलवार को आई गिरावट के बावजूद, बुधवार के लिए शुरुआती संकेत सकारात्मक हैं। गिफ्ट निफ्टी (GIFT Nifty) में तेजी के साथ कारोबार हो रहा था। एनएसई IX पर, यह सूचकांक 82 अंक बढ़कर 25,288 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था। इस उछाल से आज दलाल स्ट्रीट पर सकारात्मक शुरुआत की उम्मीद जगी है।
अमेरिकी बाजारों का मिश्रित रुख
अंतरराष्ट्रीय बाजारों की बात करें तो, बीते सत्र में अमेरिकी शेयर बाजारों में मिश्रित क्लोजिंग देखने को मिली। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 202.88 अंक (0.44%) बढ़कर 46,270.46 के स्तर पर बंद हुआ। हालांकि, एसएंडपी 500 इंडेक्स 10.41 अंक (0.16%) गिरकर 6,644.31 पर बंद हुआ, और नैस्डैक कंपोजिट में 172.91 अंक (0.76%) की बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जो 22,521.70 के स्तर पर बंद हुआ। अमेरिकी बाजारों का यह मिश्रित रुख वैश्विक निवेशकों की अनिश्चितता को दर्शाता है, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ सकता है।