दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट की जांच के बीच, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर एक बेहद सनसनीखेज पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba - LeT) ने हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है। हालांकि, किसी भी मीडिया संस्थान द्वारा इस पोस्ट की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इसकी सत्यता और स्रोत की गहनता से जांच कर रही हैं।
वायरल पोस्ट में 'ऑपरेशन सिंदूर' का बदला
वायरल हो रही इस पोस्ट में दिल्ली हमले को 'ऑपरेशन सिंदूर' का बदला बताया गया है। पोस्ट के अनुसार, यह हमला पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित बिलाल मस्जिद पर भारतीय मिसाइल द्वारा किए गए कथित हमले का प्रतिशोध है। पोस्ट में किया गया दावा: टेलीग्राम पर वायरल पोस्ट में लिखा है, "भारत की राजधानी नई दिल्ली पर आज, 10 नवंबर 2025, शाम 5 बजे लश्कर-ए-तैयबा के बहादुर और खूंखार टाइगर्स ने हमला किया।" हमले के मकसद को स्पष्ट करते हुए लिखा गया है कि "यह हमला कुछ महीने पहले कश्मीर की बिलाल मस्जिद में हुई शहादत का बदला लेने के लिए किया गया था, जहां 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे।"
पोस्ट में आगे धमकी दी गई है: "ईश्वर की जय हो। लश्कर-ए-तैयबा मस्जिद की हर ईंट का बदला लेने और हर मंदिर तक पहुंचने की कसम खाता है। यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक कश्मीर आजाद नहीं हो जाता और भारत नष्ट नहीं हो जाता।"
एजेंसियां कर रही हैं पोस्ट की सत्यता की जांच
दिल्ली पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियां इस वायरल पोस्ट को बेहद गंभीरता से ले रही हैं। उनका मुख्य ध्यान इस बात पर है कि क्या यह दावा वास्तव में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किया गया है, या यह केवल आतंक फैलाने के लिए किसी साइबर प्रोपेगेंडा का हिस्सा है। जांच दल अब टेलीग्राम चैनल के आईपी एड्रेस और सोर्स का पता लगाने में जुटे हैं, ताकि यह पता चल सके कि पोस्ट किस क्षेत्र से अपलोड किया गया था। लाल किले के पास हुआ यह विस्फोट पहले से ही सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है, और आतंकी संगठन द्वारा जिम्मेदारी लेने के इस दावे ने मामले की जटिलता को और बढ़ा दिया है।
इससे पहले सीसीटीवी फुटेज में कथित आतंकी 'डॉ. उमर' को कार चलाते हुए देखा गया था, जिसकी पहचान की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां अब डॉ. उमर और इस वायरल पोस्ट के बीच संभावित संबंधों की भी जांच कर रही हैं। फिलहाल, आधिकारिक रूप से हमले की जिम्मेदारी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इस दावे ने देश में सुरक्षा और खुफिया तंत्रों की सक्रियता को और बढ़ा दिया है।