मुंबई, 05 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजकर 45 मिनट पर बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। इस आपदा में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि मृतकों की संख्या में और इजाफा हो सकता है। राहत और बचाव कार्य के लिए SDRF, NDRF, ITBP और सेना की टीमें लगातार काम कर रही हैं। धराली गांव में खीर गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से भारी मलबा बाजार, घरों और होटलों में घुस गया। मलबे की तेज रफ्तार ने महज 34 सेकंड में पूरे इलाके को तहस-नहस कर दिया। इस प्राकृतिक आपदा का असर सिर्फ धराली तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हर्षिल और सुक्की गांवों में भी बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। हर्षिल इलाके से सेना के 8 से 10 जवानों के लापता होने की खबर है, जिनकी तलाश जारी है।
आपदा के बाद सोशल मीडिया और स्थानीय चैनलों पर कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि लोग दूर खड़े होकर भी चीख-चीखकर एक-दूसरे को चेतावनी दे रहे थे। धराली में मलबा लगभग 30 फीट तक जमा हो गया है, जिससे कई दुकानें और मकान पूरी तरह से जमींदोज हो गए हैं। धराली गांव उत्तरकाशी जिले का एक छोटा लेकिन अहम पड़ाव है जो भागीरथी नदी के किनारे हर्षिल घाटी के पास बसा है। यह गांव गंगोत्री यात्रा के मार्ग में अंतिम बड़े गांवों में से एक है जहां तीर्थयात्री आमतौर पर रुकते हैं और यात्रा की तैयारी करते हैं। गंगोत्री धाम से यह केवल 18 किलोमीटर दूर है और देहरादून से इसकी दूरी लगभग 218 किलोमीटर है। आपदा के समय गांव में कितने लोग मौजूद थे, इसकी सटीक जानकारी अभी नहीं मिली है। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि नुकसान का विस्तृत आकलन किया जा रहा है और प्राथमिकता लोगों की जान बचाने की है।