तेलंगाना के विकाराबाद जिले में साल 2019 में हुए एक दिल दहला देने वाले ट्रिपल मर्डर केस में गुरुवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाया। 32 वर्षीय आरोपी, जिसने अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी थी, को मृत्युदंड की सजा दी गई है। इस फैसले को जघन्य अपराधों के खिलाफ कड़ा संदेश माना जा रहा है।
कैरेक्टर पर शक ने छीनी तीन जानें
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी एक निजी स्कूल में नौकरी करता था। उसकी पत्नी की उम्र मात्र 25 साल थी। आरोपी अक्सर पत्नी के चरित्र पर शक करता था और इसी कारण दोनों के बीच आए दिन विवाद होता रहता था। घरेलू कलह धीरे-धीरे इतनी बढ़ गई कि बात मारपीट और हिंसा तक पहुंच गई।
4 अगस्त 2019 की रात: जब टूटा एक परिवार
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, घटना 4 अगस्त 2019 की रात की है। गुस्से और अविश्वास में डूबे आरोपी ने पहले अपनी पत्नी पर लोहे की रॉड से ताबड़तोड़ वार किए। पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद आरोपी ने अपने ही दो बच्चों को भी नहीं बख्शा और उन्हीं को उसी रॉड से पीट-पीटकर मार डाला। तीन निर्जीव शवों के साथ कुछ ही घंटों तक घर में रहने के बाद आरोपी ने अगली सुबह, यानी 5 अगस्त 2019 को विकाराबाद पुलिस स्टेशन पहुंचकर अपना अपराध खुद कबूल कर लिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी का बयान सुनकर अधिकारी भी स्तब्ध रह गए।
जज ने सुनाई कठोर सजा
लगभग 6 साल बाद इस भयावह मामले में न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आरोपी को तीनों हत्याओं का दोषी पाया और उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने टिप्पणी की कि यह अपराध मानवता को शर्मसार करने वाला है, जिसमें एक पति ने अपनी पत्नी ही नहीं, बल्कि अपने मासूम बच्चों तक को बर्बरता से मार डाला। ऐसे मामलों में कठोरतम सजा ही समाज में न्याय और सुरक्षा की भावना बनाए रख सकती है।
सजा का महत्व और समाज में संदेश
तेलंगाना में यह फैसला महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों पर कड़ा संदेश माना जा रहा है। पारिवारिक विवाद और अविश्वास किस हद तक खतरनाक रूप ले सकते हैं, यह मामला उसकी एक भयावह मिसाल है। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, अदालत का यह फैसला उन लोगों के लिए चेतावनी है जो घरेलू तनाव, शक या गुस्से में आकर हिंसक कदम उठाते हैं। किसी भी समस्या का समाधान संवाद और समझ से निकलता है, न कि हिंसा से।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
विकाराबाद पुलिस ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है। अधिकारियों का कहना है कि यह मामला बेहद संवेदनशील था और जांच के दौरान तकनीकी व फोरेंसिक सबूतों को मजबूत तरीके से अदालत में पेश किया गया, जिसके चलते दोष सिद्ध हो पाया। स्थानीय लोगों के बीच भी फैसले से संतोष व्यक्त किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि निर्दोष बच्चों और एक महिला की हत्या करने वाला किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं था।