मुंबई, 23 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने रविवार को इस हमले में शामिल दो स्थानीय सहयोगियों को गिरफ्तार किया, जिनसे पूछताछ में हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकियों में से एक की पहचान सुलेमान शाह के रूप में हुई है। यह जानकारी जम्मू में हुई सुनवाई के दौरान सामने आई, जहां दोनों आरोपियों परवेज अहमद जोठार और बशीर अहमद जोठार को पेश किया गया। अदालत ने उन्हें एनआईए की पांच दिन की रिमांड पर भेज दिया है। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों ने बताया कि सुलेमान शाह पाकिस्तान का रहने वाला है और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। बाकी दो आतंकियों के नामों का खुलासा अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन यह पुष्टि हुई है कि वे भी पाकिस्तान के ही निवासी हैं। इन तीनों आतंकियों को हमले से पहले परवेज और बशीर ने जानबूझकर अपने इलाके के हिल पार्क स्थित एक अस्थायी ढोक में शरण दी थी, जहां उन्हें भोजन और अन्य सुविधाएं भी दी गईं।
सुलेमान शाह उसी नेटवर्क का हिस्सा है, जिसमें पहले से सक्रिय आतंकियों के नाम हाशिम मूसा, तल्हा भाई और जुनैद जैसे नाम रहे हैं। इनमें से जुनैद पिछले वर्ष एक मुठभेड़ में मारा जा चुका है। जांच में यह भी सामने आया कि जुनैद के मोबाइल फोन से कुछ तस्वीरें बरामद हुई थीं, जिनमें सुलेमान शाह भी मौजूद था। इन तस्वीरों को देखकर कई पीड़ित परिवारों ने उसकी पहचान की है। एनआईए के मुताबिक, अब वह दोनों आरोपियों को लेकर आतंकियों के छिपने वाली संभावित जगहों तक जाएगी, ताकि उनके भागने के रास्तों की भी पहचान की जा सके। पहलगाम शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर बायसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी और 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। आतंकियों ने धार्मिक पहचान के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाया था, जिससे यह हमला और भी अधिक निंदनीय बन गया। इस हमले के जवाब में भारत ने 6 और 7 मई की दरमियानी रात को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में एयर स्ट्राइक की, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इस कार्रवाई में भारत ने 24 मिसाइलें दागीं और 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। इसमें सौ से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। मारे गए आतंकियों में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और उसके चार प्रमुख सहयोगी भी शामिल थे।