भारतीय क्रिकेट के 'फिनिशर' रिंकू सिंह इन दिनों विजय हजारे ट्रॉफी (Vijay Hazare Trophy 2025-26) में रनों की आग उगल रहे हैं। उत्तर प्रदेश (UP) की टीम की कप्तानी कर रहे रिंकू ने घरेलू क्रिकेट में जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उसने चयनकर्ताओं के भरोसे को सही साबित कर दिया है। सबसे खास बात यह है कि रिंकू का यह प्रचंड रूप T20 वर्ल्ड कप 2026 की टीम में उनके चयन के ठीक बाद देखने को मिला है।
विजय हजारे ट्रॉफी में रनों की हैट्रिक
रिंकू सिंह ने टूर्नामेंट में लगातार तीसरा 'फिफ्टी प्लस' स्कोर बनाकर यूपी की टीम को मजबूती दी है। उनके पिछले तीन मैचों का सफर कुछ इस प्रकार रहा है:
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बनाम हैदराबाद (24 दिसंबर): टूर्नामेंट के पहले ही मैच में रिंकू ने 67 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेलकर अपने इरादे साफ कर दिए थे।
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बनाम चंडीगढ़ (26 दिसंबर): रिंकू का असली धमाका इस मैच में दिखा, जहाँ उन्होंने विपक्षी गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए नाबाद 106 रन ठोक दिए। यह उनकी फॉर्म का चरम था।
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बनाम बड़ौदा (29 दिसंबर): लेटेस्ट मुकाबले में बड़ौदा के खिलाफ उन्होंने 63 रनों की कप्तानी पारी खेली। 67 गेंदों की इस पारी में उन्होंने 3 छक्के और 2 चौके लगाए।
T20 वर्ल्ड कप चयन के बाद का 'विस्फोट'
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 20 दिसंबर 2025 को T20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए टीम इंडिया का ऐलान किया था। रिंकू सिंह को उनके लगातार बेहतरीन प्रदर्शन के इनाम के तौर पर टीम में जगह मिली। वर्ल्ड कप टीम में नाम आने के बाद रिंकू के आत्मविश्वास में जबरदस्त उछाल देखा गया है।
24 दिसंबर से शुरू हुई विजय हजारे ट्रॉफी के मात्र 3 मैचों में रिंकू ने अब तक 236 रन बना लिए हैं। वह न केवल एक बल्लेबाज के तौर पर बल्कि एक कप्तान के रूप में भी 'फ्रंट से लीड' कर रहे हैं।
रिंकू सिंह बनाम क्रुणाल पंड्या: मैदान पर जंग
बड़ौदा के खिलाफ मैच के दौरान फैंस को एक दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला। रिंकू सिंह का सामना अनुभवी गेंदबाज और हार्दिक पंड्या के बड़े भाई क्रुणाल पंड्या से हुआ। रिंकू ने इस जंग में बाजी मारी:
यह प्रदर्शन दर्शाता है कि रिंकू अब स्पिन और पेस दोनों के खिलाफ पूरी तरह से सेट हो चुके हैं और बड़े नामों के खिलाफ दबाव में नहीं आते।
यूपी की 'रन मशीन' और टीम इंडिया की उम्मीद
रिंकू सिंह को अक्सर एक T20 विशेषज्ञ के तौर पर देखा जाता था, लेकिन विजय हजारे ट्रॉफी (50 ओवर फॉर्मेट) में उनके इस प्रदर्शन ने साबित कर दिया है कि उनके पास पारी को बुनने की समझ भी है। वह स्थिति के अनुसार गियर बदलना जानते हैं। बड़ौदा के खिलाफ उन्होंने अपना अर्धशतक 53 गेंदों में पूरा किया, जो उनकी परिपक्वता को दर्शाता है।