अमेरिका से एक बड़ी खबर सामने आई है कि देश के वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर का निदान हुआ है। हाल ही में बाइडेन ने अपने इस कैंसर से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक की है, जो अमेरिका के इतिहास में कई पूर्व राष्ट्रपतियों के कैंसर से जूझने के मामलों को भी ध्यान में लाता है। वास्तव में, अमेरिका के 9 पूर्व राष्ट्रपति भी अपने कार्यकाल के दौरान या उसके बाद विभिन्न प्रकार के कैंसर से लड़ चुके हैं। इस लेख में हम न सिर्फ जो बाइडेन के कैंसर के बारे में विस्तार से जानेंगे, बल्कि उन अन्य राष्ट्रपति के बारे में भी जानेंगे जिन्हें कैंसर हुआ था।
जो बाइडेन और उनका प्रोस्टेट कैंसर
जो बाइडेन को यूरिनरी सिम्पटम्स में खराबी के बाद प्रोस्टेट कैंसर का पता चला। डॉक्टरों ने प्रोस्टेट नोड्यूल की खोज की, और आगे के परीक्षणों में 9 के ग्लीसन स्कोर के साथ एक उच्च-ग्रेड कैंसर की पुष्टि हुई। ग्लीसन स्कोर प्रोस्टेट कैंसर की गंभीरता और फैलाव को मापने का एक तरीका है, और 9 स्कोर एक गंभीर अवस्था को दर्शाता है। इसके अलावा यह कैंसर उनकी हड्डियों तक फैल चुका है, जिससे यह पता चलता है कि यह एडवांस्ड स्टेज का मामला है। लेकिन खुशखबरी यह है कि यह कैंसर हार्मोन-सेन्सिटिव है, यानी हार्मोन-आधारित उपचारों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। बाइडेन फिलहाल अपनी मेडिकल टीम के साथ मिलकर उपयुक्त इलाज के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपतियों और कैंसर का इतिहास
यह कोई नई बात नहीं है कि अमेरिकी राष्ट्रपतियों को भी कैंसर का सामना करना पड़ा है। 9 पूर्व राष्ट्रपतियों ने कैंसर का इलाज करवाया है या इससे प्रभावित रहे हैं। आइए, उन्हें जानें:
1. जॉर्ज वाशिंगटन
अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन को 1794 में एक त्वचा रोग के इलाज के लिए उपचार किया गया था, जिसे माना जाता है कि वह स्किन कैंसर का एक प्रकार था, संभवतः मेलेनोमा। डॉ. जेम्स टेट ने प्रभावित क्षेत्र को सफलतापूर्वक हटा दिया था। इसके बाद वाशिंगटन ने अपनी त्वचा को सूर्य की किरणों से बचाने के लिए चौड़ी टोपी पहनना और छाता रखना शुरू किया।
2. यूलिसिस एस. ग्रांट
यूलिसेस एस. ग्रांट को जून 1884 में गले के कैंसर का पता चला था, जिसे टॉन्सिलर पिलर का कार्सिनोमा कहा गया। वे राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद इस बीमारी से पीड़ित हुए और 1885 में इसी बीमारी के कारण उनका निधन हो गया।
3. ग्रोवर क्लीवलैंड
ग्रोवर क्लीवलैंड को अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान मुंह के कैंसरयुक्त ट्यूमर का पता चला। उन्होंने इस बीमारी को छुपाते हुए नौका पर सर्जरी करवाई, जिसमें उनके ऊपरी जबड़े का हिस्सा हटाया गया। वे सफलतापूर्वक ठीक हुए और अपने कार्यकाल को पूरा किया।
4. केल्विन कूलिज
केल्विन कूलिज के चेहरे पर कुछ घाव पाए गए थे, जिनके कारण विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया कि उन्हें मेलेनोमा हो सकता है, हालांकि इसका आधिकारिक पुष्टि कभी नहीं हुई।
5. फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट
फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट को उनकी बाईं आंख के ऊपर एक गहरे रंग का घाव मिला था, जिससे कुछ इतिहासकार मानते हैं कि उन्हें मेलेनोमा था। लेकिन इसे कभी आधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं किया गया।
6. रोनाल्ड रीगन
रोनाल्ड रीगन को 1985 में कोलन कैंसर का पता चला। उन्होंने सर्जरी करवाई और पूरी तरह ठीक हो गए। इसके अलावा उन्हें कई गैर-मेलेनोमा त्वचा कैंसर का भी इलाज कराया गया था।
7. जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश
जॉर्ज एच. डब्ल्यू बुश को अपने जीवन के अंतिम वर्षों में गैर-मेलेनोमा स्किन कैंसर के लिए उपचार दिया गया था, जिसमें उनके चेहरे और खोपड़ी से घाव हटाने की प्रक्रिया शामिल थी।
8. बिल क्लिंटन
बिल क्लिंटन को 2000 के दशक की शुरुआत में गैर-मेलेनोमा त्वचा कैंसर का इलाज कराया गया, जिसमें बेसल सेल कार्सिनोमा शामिल था। उन्होंने सफलतापूर्वक इलाज करवाकर पूरी तरह ठीक हो गए।
9. जिमी कार्टर
जिमी कार्टर को 2015 में मेलेनोमा का पता चला था, जो उनके लीवर और मस्तिष्क तक फैल गया था। उन्होंने सर्जरी, रेडिएशन और इम्यूनोथेरेपी करवाई और बाद में वे कैंसर मुक्त हो गए। उन्होंने ठीक होने के बाद भी कई सालों तक सक्रिय रूप से सार्वजनिक सेवा जारी रखी।
अमेरिकी राष्ट्रपतियों का कैंसर इतिहास क्या सिखाता है?
इन सभी उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि कैंसर किसी को भी हो सकता है, यहां तक कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेताओं को भी। लेकिन आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की मदद से कैंसर का इलाज संभव है, और कई राष्ट्रपति इसे सफलता से हराकर सामान्य जीवन जी पाए। इसके अलावा, ये उदाहरण लोगों को यह भी सिखाते हैं कि समय-समय पर अपनी सेहत की जांच कराना और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत ध्यान देना कितना महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
जो बाइडेन का प्रोस्टेट कैंसर का खुलासा न केवल उनके स्वास्थ्य पर केंद्रित है, बल्कि यह अमेरिकी इतिहास के उन पहलुओं को भी उजागर करता है जहां राष्ट्रपतियों ने गंभीर बीमारियों का सामना किया। हालांकि यह एक चुनौतीपूर्ण समय है, लेकिन बेहतर इलाज के विकल्पों और चिकित्सा टीम के सहयोग से उम्मीद की जा सकती है कि बाइडेन स्वस्थ होकर अपने कर्तव्यों को जारी रखेंगे।
यह कहानी सभी के लिए प्रेरणा भी है कि चाहे कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो, स्वास्थ्य की देखभाल और समय पर निदान ही जीवन की रक्षा कर सकता है। इसलिए नियमित स्वास्थ्य जांच और सावधानी को प्राथमिकता देना सभी के लिए आवश्यक है।