अमेरिकी राजनीति में एक बार फिर से विवाद की लहर दौड़ गई है, जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसे पोस्ट को शेयर किया, जिसमें उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के बारे में अजीबोगरीब और विवादित दावा किया कि बाइडेन 2020 में मर चुके हैं और उनकी जगह एक रोबोटिक क्लोन ने ले ली है। यह दावा एक अज्ञात सोशल मीडिया अकाउंट से किया गया था, जिसने बाइडेन को “निष्प्राण,” “नासमझ मशीन” और “मार डाला गया” बताकर उनके असली होने पर सवाल उठाए। ट्रंप ने इस पोस्ट को बिना पुष्टि किए ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कर दिया, जिससे राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।
अज्ञात अकाउंट का विवादित दावा
सोशल मीडिया पर वायरल इस पोस्ट में लिखा गया था कि जो बाइडेन असली नहीं हैं। उन्होंने 2020 में अपनी जान गंवा दी थी, और अब जो सामने हैं, वह एक डबल क्लोन हैं, जो पूरी तरह से रोबोटिक मशीन के समान है। इस पोस्ट में आगे यह भी कहा गया कि डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक असली और क्लोन में कोई फर्क नहीं समझ पाते। पोस्ट के साथ कई हैशटैग भी लगाए गए थे, जो इसे ज्यादा वायरल करने की कोशिश कर रहे थे।
यह पोस्ट खासतौर पर तब सामने आई जब यह खबर आई कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को स्टेज 4 मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर है। हालांकि, बाइडेन ने खुद सार्वजनिक तौर पर अपने स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर आश्वासन दिया है कि वे अच्छा महसूस कर रहे हैं और कैंसर को हराने के लिए लड़ रहे हैं।
ट्रंप का पूर्व में दिये गए बाइडेन के लिए शुभकामनाओं वाला पोस्ट
इस विवाद के बीच यह भी ध्यान देने वाली बात है कि कुछ दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप ने बाइडेन के स्वास्थ्य को लेकर एक सकारात्मक पोस्ट किया था। उस पोस्ट में उन्होंने मेलानिया ट्रंप के साथ मिलकर बाइडेन के जल्दी स्वस्थ होने की कामना की थी। ट्रंप ने लिखा था, “मेलानिया और मैं जो बाइडेन के हाल में हुए मेडिकल डायग्नोसिस के बारे में सुनकर दुखी हैं। मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
यह पोस्ट इस नए वायरल दावे से बिल्कुल अलग था और इससे साफ था कि ट्रंप ने एक मानवीय भावनाएं भी जाहिर की थीं। लेकिन इसके बाद इस तरह का विवादित और गंभीर आरोप लगाने वाला पोस्ट शेयर कर राजनीतिक माहौल फिर से गरमा गया।
जो बाइडेन का स्वास्थ्य और जनता का भरोसा
जो बाइडेन, जो कि अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति हैं, हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए थे। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि वे अच्छा महसूस कर रहे हैं और उम्मीद है कि वे इस बीमारी को हरा पाएंगे। बाइडेन ने कहा, “मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं और मैं इसे हरा दूंगा।” इस बयान से यह स्पष्ट हुआ कि बाइडेन अपने स्वास्थ्य को लेकर सकारात्मक और आशावादी हैं।
हालांकि, उनकी बीमारी को लेकर मीडिया और जनता में काफी चिंताएं बनी हुई हैं। ऐसे में इस तरह के अफवाह और झूठे दावे स्वास्थ्य के प्रति चिंता को और बढ़ाते हैं और राजनीतिक माहौल को और तनावपूर्ण बनाते हैं।
राजनीतिक तनाव और सोशल मीडिया का प्रभाव
डोनाल्ड ट्रंप का यह पोस्ट शेयर करना सोशल मीडिया पर विवादों का कारण बना। अमेरिका में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म राजनीतिक विचारधाराओं के टकराव का मुख्य मैदान बन चुका है। ऐसे में इस तरह के दावे, चाहे वे बिना किसी ठोस प्रमाण के हों, राजनीति में ध्रुवीकरण को और तेज कर देते हैं। यह राजनीतिक माहौल को विषाक्त बनाता है और जनता में भ्रम फैलाता है।
ट्रंप ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ” पर कई अन्य पोस्ट भी किए, जिनमें से कई उनके कार्यकाल के आर्थिक सुधारों और अमेरिकी इस्पात उद्योग को लेकर उनके फैसलों से जुड़ी थीं। इसका मतलब यह है कि वे न केवल वर्तमान राजनीतिक मुद्दों पर अपनी बात रख रहे हैं बल्कि अपने पूर्व कार्यकाल की उपलब्धियों को भी याद दिला रहे हैं।
निष्कर्ष
अमेरिकी राजनीति में डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन की राजनीतिक जंग कभी खत्म होती नहीं दिखती। जहां एक ओर ट्रंप ने बाइडेन के स्वास्थ्य को लेकर सहानुभूतिपूर्ण संदेश दिया था, वहीं दूसरी ओर उन्होंने एक अज्ञात और विवादित पोस्ट को भी शेयर किया, जिसने अफवाहों को हवा दी। इस घटना से साफ होता है कि राजनीति में सोशल मीडिया की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण और कभी-कभी खतरनाक भी हो सकती है।
ऐसे समय में जब बाइडेन गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, नेताओं और समर्थकों के लिए जिम्मेदारी बनती है कि वे तथ्य पर आधारित और संवेदनशील भाषा का प्रयोग करें। अफवाहें फैलाना और बिना पुष्टि के आरोप लगाना न केवल राजनीतिक माहौल को खराब करता है, बल्कि जनता के विश्वास को भी कमजोर करता है।
इसलिए, राजनीतिक संवाद को सकारात्मक, तथ्यात्मक और सहिष्णु बनाना आज की सबसे बड़ी चुनौती है, ताकि देश में एकता और शांति बनी रहे।