वैश्विक धार्मिक जनसांख्यिकी (Global Religious Demographics) में पिछले एक दशक में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। वॉशिंगटन डी.सी. स्थित प्रतिष्ठित प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए एक शोध में खुलासा हुआ है कि इस्लाम 2010 से 2020 के बीच दुनिया में सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म बन गया है, जबकि ईसाई धर्म अभी भी दुनिया में सबसे अधिक अनुयायियों वाला धर्म बना हुआ है। प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, 2010 से 2020 के दशक के दौरान, मुसलमानों की वैश्विक आबादी में 34 करोड़ 70 लाख की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इस वृद्धि के साथ, दुनिया भर में मुसलमानों की कुल आबादी लगभग 2 अरब तक पहुँच गई है।
इस्लाम: दुनिया की आबादी का 25% पार
रिपोर्ट के आंकड़ों ने पुष्टि की है कि इस 10 साल की अवधि में, दुनिया की कुल जनसंख्या में मुस्लिम आबादी का प्रतिशत 1.8 फीसदी बढ़कर 25.6 फीसदी तक पहुँच गया है। शोध में यह भी बताया गया है कि मुस्लिम आबादी में युवाओं की संख्या काफी अधिक है, जो आगे भी इस धर्म की तेज वृद्धि दर को बनाए रखने का संकेत देता है। इस्लाम की यह तेज वृद्धि दर वैश्विक धार्मिक परिदृश्य को नया आकार दे रही है।
ईसाई धर्म: संख्या बढ़ी, लेकिन प्रतिशत में गिरावट
प्यू रिसर्च के अनुसार, दुनिया में अभी भी सबसे अधिक जनसंख्या ईसाई धर्म को मानने वालों की है। 2020 तक, दुनिया में ईसाई धर्म के लोगों की कुल संख्या लगभग 2.3 अरब है, जो वैश्विक आबादी का 29 फीसदी है। हालांकि, रिपोर्ट ने ईसाईयों की जनसंख्या में 'गिरावट' की बात कही है। यह गिरावट कुल संख्या में न होकर वैश्विक जनसंख्या में उनके प्रतिशत में है। 2010 से 2020 के बीच ईसाईयों की संख्या 12 करोड़ 20 लाख तक बढ़ी है, लेकिन पहले वे दुनिया की आबादी का 30.6 फीसदी थे। इस प्रतिशत में आई गिरावट (लगभग 1.6 फीसदी) यह दर्शाती है कि अन्य धर्म, विशेष रूप से इस्लाम, उनसे अधिक तेज गति से बढ़ रहे हैं।
हिन्दू धर्म और नास्तिकों की स्थिति
प्यू रिसर्च सेंटर के इस अध्ययन में हिन्दू धर्म, बौद्ध धर्म और किसी भी धर्म को न मानने वाले (नास्तिक/अधार्मिक) लोगों की आबादी पर भी आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं:
हिन्दू धर्म: दुनियाभर में हिन्दू धर्म को मानने वाले कुल जनसंख्या का 14.9 फीसदी हैं, और इस आधार पर यह दुनिया में चौथे नंबर पर आता है। रिपोर्ट बताती है कि 2010 से 2020 के बीच हिन्दू आबादी में खाड़ी और अफ्रीका क्षेत्रों में 62 फीसदी की मजबूत बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
बौद्ध धर्म: एक तरफ, बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या में वैश्विक स्तर पर गिरावट बताई गई है।
नास्तिक/अधार्मिक: दूसरी तरफ, ऐसे लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है जो किसी भी धर्म को नहीं मानते हैं। 'नास्तिक' (या अधार्मिक) लोगों की संख्या 2020 में बढ़कर 24.2 फीसदी बताई गई है, जो 2010 में 23.3 फीसदी थी। यह दिखाता है कि वैश्विक आबादी का एक बड़ा हिस्सा अब औपचारिक धार्मिक मान्यताओं से दूर हो रहा है।
प्यू रिसर्च सेंटर का यह शोध स्पष्ट करता है कि वैश्विक धार्मिक जनसांख्यिकी तेजी से बदल रही है। यद्यपि ईसाई धर्म संख्या के आधार पर अभी भी विश्व का सबसे बड़ा धर्म है, इस्लाम सबसे तेजी से फैल रहा है, जिसके कारण आने वाले दशकों में इन दोनों धर्मों के अनुयायियों की संख्या में अंतर कम हो सकता है। वहीं, हिन्दू धर्म ने अपनी वृद्धि दर बनाए रखी है, जबकि नास्तिकों (अधार्मिक) की संख्या में भी महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जो आधुनिक समाज में धार्मिक रुझानों में बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है।