रूस और अमेरिका के बीच परमाणु हथियार सामग्री के निपटान से जुड़ा महत्वपूर्ण समझौता अब आधिकारिक तौर पर समाप्त कर दिया गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में इस समझौते को निष्क्रिय करने वाले एक कानून पर हस्ताक्षर किए, जिसके बाद यह द्विपक्षीय संधि प्रभावी रूप से समाप्त हो गई है। क्रेमलिन का यह कदम परमाणु हथियार बनाने के लिए आवश्यक सामग्री के उत्पादन को सीमित करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को प्रभावित कर सकता है। रूसी संसद के निचले सदन ने इस कानून को इस महीने की शुरुआत में ही मंजूरी दे दी थी, और फेडरेशन काउंसिल (ऊपरी सदन) ने पिछले बुधवार को अपनी सहमति दे दी थी। पुतिन की अंतिम मंजूरी के साथ ही, प्लूटोनियम डिस्पोजल एग्रीमेंट (पीडीए) को गैर-प्रभावी बनाने वाला कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
दो दशक पुराना था समझौता
यह समझौता पहली बार सितंबर 2000 में रूस और अमेरिका के बीच संपन्न हुआ था। इस संधि के तहत, दोनों देशों को सामूहिक रूप से 34 टन हथियार-ग्रेड प्लूटोनियम का निपटान करना था, जिसे अब सैन्य उद्देश्यों के लिए अनुपयोगी माना जाता था। इस निपटान का उद्देश्य था कि इस सामग्री को वापस परमाणु हथियारों के निर्माण में इस्तेमाल न किया जा सके। हालांकि, रूस ने 2016 में ही इस समझौते को निलंबित कर दिया था। उस समय, मॉस्को ने अमेरिका की नीतियों और फैसलों को रूस के हितों के खिलाफ "शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयाँ" बताते हुए निलंबन का कारण बताया था। अब, समझौते को पूरी तरह से समाप्त करने का निर्णय दोनों देशों के बीच तनाव को और गहरा करने वाला कदम माना जा रहा है।
पुतिन ने किया नए परमाणु मिसाइल का दावा
समझौते को समाप्त करने के पीछे के कारणों पर बोलते हुए, राष्ट्रपति पुतिन ने संसद को संबोधित किया और रूस की नई सैन्य क्षमताओं का उल्लेख किया। उन्होंने दावा किया कि रूस ने एक छोटी परमाणु ऊर्जा इकाई विकसित की है। पुतिन के अनुसार, इस इकाई का उपयोग क्रूज मिसाइलों में किया जा सकता है, जिससे मिसाइल की सीमा को "व्यावहारिक रूप से अनिश्चित काल तक बढ़ाया जा सकता है।" उन्होंने विशेष रूप से रूस की परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज मिसाइल 'बुरेवेस्टनिक' (Burevestnik) का जिक्र किया।
पुतिन ने जोर देकर कहा कि इस मिसाइल का दुनिया में कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने बताया कि रूस ने इस हथियार का सफल परीक्षण कर लिया है और अब इसे तैनात किया जाएगा। रूसी अधिकारियों ने दावा किया है कि इस मिसाइल ने लगभग 15 घंटे तक हवा में रहने के दौरान लगभग 14,000 किलोमीटर (8,700 मील) की दूरी तय की है। परमाणु हथियारों के निपटान समझौते की समाप्ति और नई परमाणु-संचालित क्रूज मिसाइल की तैनाती की घोषणा, रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते के चल रहे प्रयासों के लिए एक झटका साबित हो सकती है, जो वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में चिंताएं बढ़ा रही है।