रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका प्रायद्वीप में एक बार फिर शक्तिशाली भूकंप ने धरती को हिला दिया है। शनिवार को आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.4 मापी गई है। इसका केंद्र प्रशांत महासागर के किनारे स्थित उसी इलाके में था, जहां जुलाई 2025 में भी भयंकर भूकंप आया था, जिसके बाद सुनामी ने तबाही मचाई थी।
कितना शक्तिशाली था यह भूकंप?
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, इस बार का भूकंप 7.4 तीव्रता का था और इसका केंद्र 39.5 किलोमीटर गहराई में था। वहीं, जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेस (GFZ) ने इसकी तीव्रता 7.1 बताई और केंद्र की गहराई को 10 किलोमीटर बताया है। यह अंतर इस बात की पुष्टि करता है कि घटना बेहद तीव्र और सतह के पास थी, जिससे भूकंपीय प्रभाव अधिक व्यापक होने की आशंका है।
सुनामी की चेतावनी
वैज्ञानिकों ने इस भूकंप के बाद सुनामी की आशंका जताई है। जानकारी के मुताबिक, 300 किलोमीटर के दायरे में समुद्र में भयंकर और विनाशकारी लहरें उठ सकती हैं। इससे तटीय इलाकों में भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। रूस के साथ-साथ जापान, अमेरिका, और अन्य प्रशांत रिंग ऑफ फायर से जुड़े देशों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।
जुलाई 2025 में भी आया था बड़ा भूकंप
इस क्षेत्र में भूकंप कोई नई बात नहीं है, लेकिन जुलाई 2025 में आए 8.8 तीव्रता वाले भूकंप ने इसकी संवेदनशीलता को उजागर कर दिया था। उस समय आई सुनामी में 4 मीटर तक ऊंची लहरें उठी थीं, जिससे रूस और जापान के कई शहरों में भारी तबाही मची थी। दर्जनों लोग मारे गए थे और हजारों बेघर हो गए थे। इसके बाद से ही इस इलाके में भूकंपीय निगरानी बढ़ा दी गई थी।
प्रभावित देश और इलाके
कामचटका में आए इस ताजा भूकंप के बाद सिर्फ रूस ही नहीं, बल्कि आसपास के देश जैसे जापान, कनाडा, अमेरिका, चीन, पेरू, इक्वाडोर, न्यूजीलैंड और फिलीपींस में भी अलर्ट जारी किया गया है। यह क्षेत्र तथाकथित “Pacific Ring of Fire” का हिस्सा है, जो दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है।
सरकार की तैयारियां
रूस की आपातकालीन सेवाओं ने संभावित सुनामी से निपटने के लिए राहत टीमों को तैयार रखा है। स्थानीय प्रशासन ने समुद्र तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। राहत व बचाव कार्यों के लिए हेलिकॉप्टर और मेडिकल टीमें भी तैनात की जा चुकी हैं।
निष्कर्ष
रूस का कामचटका क्षेत्र एक बार फिर प्राकृतिक आपदा के खतरे से जूझ रहा है। वैज्ञानिकों की मानें तो आने वाले दिनों में यहां आफ्टरशॉक्स यानी छोटे झटकों की संभावना बनी रहेगी। सुनामी का खतरा अभी टला नहीं है, और दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं कि आने वाले घंटों में समुद्र की लहरें क्या रूप लेंगी।
लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, क्योंकि सतर्कता ही इस समय सबसे बड़ी सुरक्षा है।