अमेरिका ने क्रिसमस के मौके पर उत्तर-पश्चिम नाइजीरिया में आईएसआईएस आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमला किया। इस हमले की जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया के जरिए दी, जबकि नाइजीरिया की सरकार ने भी आधिकारिक प्रेस रिलीज के माध्यम से इस कार्रवाई की पुष्टि की। अमेरिका का यह हमला नाइजीरिया में ईसाइयों के खिलाफ लगातार हो रहे हमलों के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है।
पूर्व राजदूत महेश सचदेवा की राय
पूर्व भारतीय राजदूत महेश सचदेवा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि अमेरिकी मिसाइल हमले का नाइजीरिया की सुरक्षा और स्थानीय स्थिति पर प्रभाव बहस का विषय बन सकता है। उन्होंने कहा कि इससे ईसाई-विरोधी तनाव और भी बढ़ सकता है, क्योंकि उत्तर-पश्चिम नाइजीरिया में हिंसा में आम तौर पर बोको हरम और आईएसआईएस जैसे संगठन सरकारी अधिकारियों और नागरिकों दोनों को निशाना बनाते हैं।
सचदेवा ने बताया कि केंद्रीय नाइजीरिया में झगड़े अक्सर धार्मिक आधार पर नहीं होते। इसके पीछे माइग्रेट करने वाले फुलानी चरवाहे और ईसाई गांवों के बीच जमीन और चरागाह विवाद होते हैं। लेकिन अमेरिका की कार्रवाई स्थानीय ईसाई समुदाय के लिए सुरक्षा का संदेश देती है और इसे अमेरिकी ईसाई एमएजीए बेस के दृष्टिकोण से सकारात्मक माना जा सकता है।
ट्रंप ने दी कार्रवाई की जानकारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा कि कमांडर इन चीफ के निर्देश पर अमेरिका ने नाइजीरिया के सोकोटो इलाके में आईएसआईएस के बेस को टारगेट किया। उन्होंने बताया कि यह हमला उन आतंकवादियों के खिलाफ था जिन्होंने मुख्य रूप से निर्दोष ईसाइयों को निशाना बनाया और उन्हें बेरहमी से मारा। ट्रंप ने कहा, "मैंने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने ईसाइयों का नरसंहार बंद नहीं किया, तो उन्हें इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा और आज रात ऐसा हुआ।"
अमेरिकी सेना और रक्षा विभाग का बयान
अमेरिकी सेना की अफ्रीका कमांड ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह हमला नाइजीरियाई अधिकारियों के अनुरोध पर किया गया था। इसके तहत कई आतंकवादी मारे गए। अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने भी ट्वीट कर कहा कि "मैं नाइजीरियाई सरकार के समर्थन और सहयोग के लिए आभारी हूं।"
हमले का रणनीतिक और मानवीय महत्व
सचदेवा के अनुसार यह कार्रवाई केवल सैन्य दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह नाइजीरिया में लगातार हो रहे ईसाई विरोधी हमलों के खिलाफ अमेरिका का स्पष्ट संदेश है कि वह निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई कर सकता है।
इसके अलावा, यह हमला आईएसआईएस और अन्य कट्टरपंथी समूहों को यह स्पष्ट संकेत देता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह की कार्रवाई कर सकता है।