साल 2025 भारत के लिए नीतिगत और कानूनी बदलावों का एक ऐतिहासिक पड़ाव साबित हुआ है। इस साल ने न केवल फाइलों में बंद कानूनों को धरातल पर उतारा, बल्कि आम आदमी की जेब, पारिवारिक संबंधों और बच्चों के भविष्य से जुड़े फैसलों को भी नई दिशा दी। वित्त से लेकर परिवार और मनोरंजन तक, 2025 में हुए इन बड़े बदलावों का विश्लेषण करना जरूरी है।
यहाँ 2025 के उन प्रमुख घटनाक्रमों का विवरण दिया गया है जिन्होंने हमारे जीवन को गहराई से प्रभावित किया:
1. संपत्ति उत्तराधिकार: वसीयत अब और भी आसान
वर्ष 2025 के अंत तक आते-आते, विरासत से जुड़े कानूनों में एक क्रांतिकारी बदलाव देखा गया। मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे महानगरों में अब वसीयत (Will) के आधार पर संपत्ति प्राप्त करने के लिए 'प्रोबेट' (Probate) की अनिवार्य प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया है।
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फायदा: इससे अदालतों के चक्कर काटने का समय बचा और भारी-भरकम अदालती फीस से भी राहत मिली।
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जोखिम: हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि बिना प्रोबेट वाली वसीयत भविष्य में पारिवारिक कलह का कारण बन सकती है, क्योंकि इसकी प्रामाणिकता पर सवाल उठाना आसान हो गया है।
ननिहाल की संपत्ति पर बड़ा कानूनी फैसला
बॉम्बे हाई कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले ने इस साल एक बड़ा भ्रम दूर कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नाती-पोतों का अपने नाना की संपत्ति पर कोई जन्मसिद्ध अधिकार नहीं होता। * कानूनी स्पष्टता: हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत बेटियों को तो पिता की संपत्ति में समान हक मिला हुआ है, लेकिन उनकी संतानों का अधिकार केवल तभी बनता है जब उनकी मां जीवित न हो या वसीयत में उनका जिक्र हो। इस फैसले ने पारिवारिक संपत्तियों के बंटवारे में होने वाले लंबे विवादों पर विराम लगा दिया।
3. ग्लोबल एजुकेशन: महंगा हुआ विदेश में पढ़ाई का सपना
भारतीय छात्रों के लिए 2025 चुनौतियों भरा रहा। अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों ने अपने वीजा नियमों को बेहद सख्त कर दिया।
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बदलाव का कारण: बढ़ती महंगाई, आवास संकट और विदेशों में घटते रोजगार के अवसरों ने छात्रों के रुझान को बदल दिया।
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नए विकल्प: अब छात्र पारंपरिक गंतव्यों को छोड़कर जर्मनी, फ्रांस और आयरलैंड जैसे देशों की ओर रुख कर रहे हैं, जहाँ पढ़ाई सस्ती है और वर्क परमिट के नियम लचीले हैं।
4. ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी पर 'सर्जिकल स्ट्राइक'
अगस्त 2025 में सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी (Betting) ऐप्स पर कड़ा प्रहार किया। जिन ऐप्स में पैसा लगाकर 'जीत' का लालच दिया जाता था, उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया।
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सामाजिक प्रभाव: इस कानून का उद्देश्य युवाओं को वित्तीय बर्बादी से बचाना था।
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नतीजा: बड़ी गेमिंग कंपनियों ने अब अपना मॉडल बदलकर 'सब्सक्रिप्शन' आधारित कर दिया है, जिससे गेमिंग का जोखिम भरा स्वरूप कम हुआ है।
5. होम लोन: गिरती दरों ने दी EMI में राहत
साल 2025 घर खरीदारों के लिए खुशखबरी लेकर आया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में की गई सिलसिलेवार कटौती का सीधा फायदा कर्जदारों को मिला।