ताजा खबर
Russia Ukraine War: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद कीव हाई अलर्ट पर, दो जगह लगी आग   ||    ‘पाकिस्तान नागरिक और आतंकियों में फर्क नहीं करता…’ UN में भारत ने फिर खोली पड़ोसी की पोल   ||    सिर्फ Apple नहीं, अब सैमसंग के फोन भी होंगे अमेरिका में महंगे, ट्रंप का नया फैसला   ||    डोनाल्ड ट्रंप ने की 50 फीसदी टैरिफ लगाने की सिफारिश, ऐलान के बाद गिरे लग्जरी ब्रांड्स के शेयर   ||    Donald Trump: अमेरिका में न्यूक्लियर पावर को मिलेगी नई ताकत, ट्रंप ने नए आदेश पर किए साइन   ||    जुलाई में आएगी मेगा सुनामी, उबलने लगेगा समुद्र, जापानी बाबा वेंगा की ताजा भविष्यवाणी, पर्यटक इस देश ...   ||    Covid Alert: कोविड के देश में अब तक कुल कितने मामले? नए वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता   ||    ‘पाकिस्तान नागरिक और आतंकियों में फर्क नहीं करता…’ UN में भारत ने फिर खोली पड़ोसी की पोल   ||    कौन थे शशांक तिवारी? 23 साल के आर्मी ऑफिसर साथी को बचाते हुए शहीद   ||    LIVE Weather Update: 24 घंटों में केरल पहुंचेगा मानसून, दिल्ली-NCR में कैसा रहेगा मौसम? पढ़ें लाइव अ...   ||    LIVE Aaj Ki Taza Khabar: पुंछ के लिए रवाना हुए राहुल गांधी, पीड़ित परिवारों से करेंगे मुलाकात   ||    Bengaluru News: मेट्रो में महिलाओं की फोटो और वीडियो बनाना पड़ा भारी, पुलिस ने किया गिरफ्तार   ||    24 मई का इतिहास: भारत और विश्व में हुई प्रमुख घटनाएं   ||    Fact Check: भारतीय सेना के नाम पर ऑनलाइन मांगा जा रहा डोनेशन, व्हाट्सऐप पर वायरल हो रहा पोस्ट पूरी त...   ||    Mercury Saturn Sextile Aspect: शनि जयंती से पहले शनि डालेंगे लाभ दृष्टि, इन 3 राशियों को मिलेगी सफलत...   ||    आईपीएल 2025: सनराइजर्स से हार में मयंक अग्रवाल बने RCB की सबसे बड़ी कमजोरी, फैंस ने जताई नाराजगी   ||    SRH vs RCB: 10 साल का आईपीएल करियर, अब ईशान किशन के साथ पहली बार हुआ ऐसा   ||    IPL 2025: टॉप-2 के साथ अभी भी क्वालीफाई कर सकती है RCB, बन रहा ये समीकरण   ||    पूर्वोत्तर भारत में 50000 करोड़ रुपये और निवेश करेगा अडाणी ग्रुप: राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समि...   ||    Fixed Deposit: क्या है फिक्स्ड डिपॉजिट? निवेश करने पर फायदा या नुकसान, यहां पूरा समझें   ||    +++ 
Russia Ukraine War: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद कीव हाई अलर्ट पर, दो जगह लगी आग   ||    ‘पाकिस्तान नागरिक और आतंकियों में फर्क नहीं करता…’ UN में भारत ने फिर खोली पड़ोसी की पोल   ||    सिर्फ Apple नहीं, अब सैमसंग के फोन भी होंगे अमेरिका में महंगे, ट्रंप का नया फैसला   ||    डोनाल्ड ट्रंप ने की 50 फीसदी टैरिफ लगाने की सिफारिश, ऐलान के बाद गिरे लग्जरी ब्रांड्स के शेयर   ||    Donald Trump: अमेरिका में न्यूक्लियर पावर को मिलेगी नई ताकत, ट्रंप ने नए आदेश पर किए साइन   ||    जुलाई में आएगी मेगा सुनामी, उबलने लगेगा समुद्र, जापानी बाबा वेंगा की ताजा भविष्यवाणी, पर्यटक इस देश ...   ||    Covid Alert: कोविड के देश में अब तक कुल कितने मामले? नए वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता   ||    ‘पाकिस्तान नागरिक और आतंकियों में फर्क नहीं करता…’ UN में भारत ने फिर खोली पड़ोसी की पोल   ||    कौन थे शशांक तिवारी? 23 साल के आर्मी ऑफिसर साथी को बचाते हुए शहीद   ||    LIVE Weather Update: 24 घंटों में केरल पहुंचेगा मानसून, दिल्ली-NCR में कैसा रहेगा मौसम? पढ़ें लाइव अ...   ||    LIVE Aaj Ki Taza Khabar: पुंछ के लिए रवाना हुए राहुल गांधी, पीड़ित परिवारों से करेंगे मुलाकात   ||    Bengaluru News: मेट्रो में महिलाओं की फोटो और वीडियो बनाना पड़ा भारी, पुलिस ने किया गिरफ्तार   ||    24 मई का इतिहास: भारत और विश्व में हुई प्रमुख घटनाएं   ||    Fact Check: भारतीय सेना के नाम पर ऑनलाइन मांगा जा रहा डोनेशन, व्हाट्सऐप पर वायरल हो रहा पोस्ट पूरी त...   ||    Mercury Saturn Sextile Aspect: शनि जयंती से पहले शनि डालेंगे लाभ दृष्टि, इन 3 राशियों को मिलेगी सफलत...   ||    आईपीएल 2025: सनराइजर्स से हार में मयंक अग्रवाल बने RCB की सबसे बड़ी कमजोरी, फैंस ने जताई नाराजगी   ||    SRH vs RCB: 10 साल का आईपीएल करियर, अब ईशान किशन के साथ पहली बार हुआ ऐसा   ||    IPL 2025: टॉप-2 के साथ अभी भी क्वालीफाई कर सकती है RCB, बन रहा ये समीकरण   ||    पूर्वोत्तर भारत में 50000 करोड़ रुपये और निवेश करेगा अडाणी ग्रुप: राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समि...   ||    Fixed Deposit: क्या है फिक्स्ड डिपॉजिट? निवेश करने पर फायदा या नुकसान, यहां पूरा समझें   ||    +++ 

UPS पर अपडेट के बाद सबसे बड़ा सवाल, क्या प्राइवेट कर्मचारियों को मिलेगी न्यूनतम 9000 पेंशन?

Photo Source :

Posted On:Saturday, March 22, 2025

भारत में सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। यह अधिसूचना 1 अप्रैल 2025 से प्रभाव में आएगी और केंद्र सरकार के कर्मचारियों को न्यूनतम 10,000 रुपये की पेंशन गारंटी करेगी। UPS के लागू होने से न केवल सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर है, बल्कि यह सवाल भी जोर पकड़ रहा है कि क्या निजी क्षेत्र के करोड़ों कर्मचारियों को भी सरकार पेंशन सुरक्षा देगी?

UPS: सरकारी कर्मचारियों के लिए नई उम्मीद

केंद्र सरकार द्वारा घोषित यूनिफाइड पेंशन स्कीम का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के मामले में सुरक्षित भविष्य देना है। UPS के तहत, सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन की 50% राशि को न्यूनतम पेंशन के तौर पर सुनिश्चित किया जाएगा। यानी अगर किसी कर्मचारी का औसत वेतन सेवानिवृत्ति से पहले 20,000 रुपये है, तो उसे कम से कम 10,000 रुपये मासिक पेंशन की गारंटी मिलेगी। इससे पहले की व्यवस्था में यह सुनिश्चित न्यूनतम राशि तय नहीं थी। यह योजना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में शामिल केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होगी। NPS को लेकर वर्षों से चली आ रही असंतोष की स्थिति को UPS लागू कर काफी हद तक संतुलित करने का प्रयास किया गया है। इस नई नीति के चलते केंद्रीय कर्मचारियों में भरोसा और आत्मविश्वास बढ़ा है।

निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की उम्मीदें और चुनौतियां

जहां UPS केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है, वहीं निजी क्षेत्र के कर्मचारी अब यह सवाल उठा रहे हैं कि उनके लिए सरकार कब कदम उठाएगी? वर्तमान में, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत न्यूनतम पेंशन दी जाती है। लेकिन यह पेंशन बेहद कम है और सालों से इसे बढ़ाने की मांग होती रही है।

EPS योजना में पेंशन की स्थिति

EPS-1995 के तहत वर्तमान में न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह तय की गई है, जिसे सितंबर 2014 में लागू किया गया था। लेकिन महंगाई और जीवनयापन के बढ़ते खर्चों को देखते हुए यह राशि काफी अपर्याप्त मानी जा रही है। कई पेंशनभोगी संगठनों ने सरकार से इस राशि को बढ़ाकर 7,500 रुपये से 9,000 रुपये प्रति माह करने की मांग की है। साथ ही, महंगाई भत्ता (DA) भी जोड़ने की मांग जोर पकड़ चुकी है।

पेंशनर्स की आवाज: सरकार तक पहुंची गुहार

हाल ही में चेन्नई ईपीएफ पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखकर न्यूनतम मासिक पेंशन को महंगाई भत्ते के साथ 9,000 रुपये करने की मांग की है।
एसोसिएशन का तर्क है कि EPS योजना के तहत आने वाले 75 लाख से अधिक पेंशनर्स जीवन यापन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनका कहना है कि NPS और UPS जैसी योजनाएं सरकारी कर्मचारियों के लिए हैं, लेकिन निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के साथ न्याय नहीं हो रहा।

EPS पेंशनर्स का विरोध प्रदर्शन

2024 में दिल्ली में हुए प्रदर्शन में EPS-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति ने केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए न्यूनतम मासिक पेंशन को 7,500 रुपये करने की मांग रखी थी। इस समिति का प्रतिनिधित्व 78 लाख पेंशनभोगी और 7.5 करोड़ कार्यरत कर्मचारियों से जुड़ा है। उनका आरोप है कि सरकार ने बार-बार आश्वासन दिया, लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए।

वर्तमान पेंशन प्रणाली: सीमाएं और सुधार की जरूरत

EPS-1995 योजना में पेंशन की गणना एक तय फॉर्मूले के तहत होती है। पिछले 60 महीनों के औसत वेतन को सेवा के कुल वर्षों से गुणा कर 70 से विभाजित करने पर जो राशि मिलती है, वही पेंशन राशि होती है।
इस फॉर्मूले की वजह से ज्यादातर कर्मचारियों की पेंशन 1,000 रुपये से 2,000 रुपये के बीच ही रहती है, जो मौजूदा समय में जीवन यापन के लिए बेहद कम है। हालांकि, श्रम मंत्रालय ने EPS पेंशन को दोगुना कर 2,000 रुपये करने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा था, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ।

सरकार के सामने चुनौतियां

सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती संसाधनों की है। यदि EPS पेंशन को बढ़ाया जाता है तो वित्तीय भार काफी बढ़ जाएगा। लेकिन सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी है कि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी सुरक्षित भविष्य की गारंटी दी जाए। यूनिफाइड पेंशन स्कीम की तरह EPS में भी बड़े सुधार की मांग अब राष्ट्रीय मुद्दा बन चुकी है। इसके अलावा, श्रम मंत्रालय ने वेतन सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने का भी प्रस्ताव रखा है, ताकि अधिक कर्मचारी EPS के दायरे में आ सकें।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम: निजी क्षेत्र के लिए क्या संभावनाएं?

UPS के लागू होते ही यह बहस तेज हो गई है कि क्या निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी ऐसा ही लाभ मिलेगा? विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सरकार UPS जैसी योजना निजी क्षेत्र में लागू करती है तो यह सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम होगा। सरकार यह कदम उठाकर न केवल सामाजिक संतुलन बनाएगी, बल्कि करोड़ों कर्मचारियों को वृद्धावस्था में सुरक्षित जीवन दे सकेगी।

अंतरराष्ट्रीय उदाहरण: क्या भारत भी करेगा अनुसरण?

दुनिया के कई देशों में निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के कर्मचारियों को पेंशन की समान सुरक्षा मिलती है। जर्मनी, जापान, कनाडा जैसे देशों ने पेंशन प्रणाली को यूनिवर्सल बना दिया है। भारत में भी यदि इसी दिशा में कदम उठाए जाते हैं तो यह देश की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली को एक नई मजबूती देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र सरकार को UPS के अनुभवों का अध्ययन कर EPS-95 में व्यापक सुधार करना चाहिए।

निष्कर्ष: उम्मीद और इंतजार

यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लागू होना केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत है, लेकिन निजी क्षेत्र के कर्मचारी अभी भी सरकार की ओर देख रहे हैं। EPS-95 में सुधार की मांग अब लंबे समय से हो रही है।
यदि सरकार EPS पेंशन में बढ़ोतरी करती है और इसे महंगाई भत्ते से जोड़ती है, तो यह करोड़ों कर्मचारियों को राहत देगा। सामाजिक सुरक्षा केवल सरकारी कर्मचारियों तक सीमित न रहकर निजी क्षेत्र में भी लागू होनी चाहिए। आने वाले समय में सरकार क्या कदम उठाती है, यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन यह तय है कि UPS के बाद EPS पेंशन में सुधार की उम्मीद और मजबूत हुई है।


भोपाल और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Bhopalvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.