लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) एक बार फिर सुर्खियों में है। देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी को महाराष्ट्र राज्य टैक्स विभाग से बड़ा झटका लगा है। वित्त वर्ष 2021-22 से 2023-24 के लिए विभाग ने LIC को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) का डिमांड नोटिस जारी किया है, जिसकी कुल राशि 2,370 करोड़ रुपये से अधिक बैठती है।
जारी नोटिस के अनुसार, LIC पर 1,382.52 करोड़ रुपये का GST, 849.56 करोड़ रुपये का ब्याज और 138.25 करोड़ रुपये की पेनाल्टी निर्धारित की गई है। विभाग का आरोप है कि बीमा कंपनी ने इन तीनों वित्त वर्षों के दौरान अतिरिक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम किया, जो नियमों के अनुसार गलत है। एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, यह नोटिस डिप्टी कमिश्नर ऑफ स्टेट टैक्स, चेंबूर, मुंबई द्वारा जारी किया गया और 10 दिसंबर 2025 को LIC को प्राप्त हुआ।
LIC का पक्ष — कानूनी रास्ता अपनाएगी कंपनी
LIC ने नोटिस मिलने के बाद बयान जारी करके बताया कि वह इस फैसले के खिलाफ कमिश्नर (अपील), मुंबई के सामने अपील दाखिल कर सकती है। कंपनी का कहना है कि यह टैक्स डिमांड नोटिस भले ही वित्तीय वर्ष के परिणामों को प्रभावित करेगा, लेकिन कंपनी के रोजमर्रा के ऑपरेशंस या सेवाओं पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। LIC का यह भी कहना है कि वह हमेशा कानून का पालन करने और कंप्लायंस का ध्यान रखने की नीति पर काम करती है। इसलिए वह इस नोटिस के खिलाफ उचित कानूनी कदम उठाएगी।
पहले भी मिल चुके हैं बड़े नोटिस
यह पहला मौका नहीं है जब LIC को इतने बड़े टैक्स विवाद का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले भी विभाग ने कंपनी को कई बार नोटिस भेजे हैं—
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वित्त वर्ष 2020-21 के लिए LIC को 479.88 करोड़ रुपये का GST डिमांड नोटिस मिला था।
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इसके अलावा, महाराष्ट्र राज्य टैक्स अथॉरिटीज ने कंपनी को 600 करोड़ रुपये का एक और बड़ा नोटिस भेजा था।
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27 फरवरी को कंपनी को डिप्टी कमिश्नर ऑफ स्टेट टैक्स, मुंबई से इंटरेस्ट और पेनाल्टी से जुड़े एक कम्युनिकेशन/डिमांड ऑर्डर भी जारी हुआ था।
इन सभी नोटिसों में इनपुट टैक्स क्रेडिट के गलत इस्तेमाल, समय पर टैक्स भुगतान न करने और टैक्स लायबिलिटी कम दिखाने जैसे आरोप शामिल थे।
निवेशकों पर क्या होगा प्रभाव?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस बड़े नोटिस का शॉर्ट टर्म में निवेशकों की सेंटीमेंट पर असर पड़ना तय है। इतना बड़ा टैक्स डिमांड कंपनी की प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिन्ह लगा सकता है और इससे शेयरों में हल्की-फुल्की बिकवाली भी देखने को मिल सकती है।
हालांकि, एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि LIC का कारोबार विशाल है, बैलेंस शीट मजबूत है और बीमा बाजार में उसकी पकड़ बेहद मजबूत है। इसलिए इस तरह के नोटिसों का लंबी अवधि पर बहुत ज्यादा प्रभाव देखने की संभावना कम है। कंपनी द्वारा कानूनी अपील की घोषणा के बाद उम्मीद है कि आने वाले महीनों में इस विवाद का समाधान निकल सकता है।
शेयरों का हाल
इस साल अब तक LIC के शेयर में करीब 4.23% की गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को भी इसके शेयर में 0.23% की कमजोरी आई और यह ₹858.95 पर बंद हुआ। टैक्स विवाद की खबर के बाद शेयर पर और दबाव आने की आशंका जताई जा रही है, हालांकि बाजार की संपूर्ण दिशा और लीगल प्रोसेस आगे इसका ट्रेंड तय करेंगे।