भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में 336 रनों की विशाल जीत दर्ज करते हुए सीरीज में धमाकेदार वापसी की। यह जीत इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि भारत ने पहली बार एजबेस्टन के मैदान पर टेस्ट मैच में जीत हासिल की है।
इस मैच में सबसे बड़ा आकर्षण रहे टीम इंडिया के कप्तान शुभमन गिल, जिन्होंने न सिर्फ रणनीतिक रूप से इंग्लैंड को मात दी, बल्कि दोनों पारियों में 150 से ज्यादा रन बनाकर अपनी कप्तानी को बेमिसाल बना दिया। इसके साथ ही उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई महान एलन बॉर्डर के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली, जो कप्तानी में डेब्यू करते हुए दोनों पारियों में 150+ रन बनाने वाले गिने-चुने खिलाड़ियों में शामिल हैं।
शुभमन गिल ने आलोचकों को दिया करारा जवाब
शुभमन गिल को पिछले कुछ महीनों से उनकी बल्लेबाजी तकनीक को लेकर काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। खासकर टेस्ट क्रिकेट में उनका फॉर्म चिंता का विषय बन गया था। लेकिन एजबेस्टन में उन्होंने अपने आलोचकों को बल्ले से करारा जवाब देते हुए दिखा दिया कि वह भारतीय क्रिकेट का अगला भरोसेमंद स्तंभ हैं।
मैच के बाद गिल ने कहा,
“मैंने कुछ चीजों पर काम करना शुरू किया है। IPL के खत्म होने के बाद से मैंने अपने गेम को सुधारने के लिए मेहनत शुरू कर दी थी। तकनीक और लोगों की राय हर मैच के बाद बदलती रहती है। हमारे लिए जरूरी ये है कि हमारी टीम और साथी खिलाड़ी हम पर भरोसा करें, बाहर क्या कहा जा रहा है, उसका कोई मतलब नहीं।”
गिल का यह आत्मविश्वास न केवल उनके खेल में दिखा, बल्कि यह उनकी कप्तानी में भी झलका, जहां उन्होंने समय पर बॉलिंग चेंज, फील्डिंग सेटअप और टीम संयोजन के जरिए इंग्लैंड को घुटनों पर ला दिया।
गिल की कप्तानी में भारत की रणनीति रही असरदार
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पहली पारी में भारत ने 450 से अधिक रन बनाकर इंग्लैंड को दबाव में डाला।
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भारतीय गेंदबाजों ने टीम वर्क दिखाते हुए इंग्लैंड को सस्ते में समेट दिया।
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दूसरी पारी में गिल की कप्तानी में आक्रामक रुख अपनाया गया, जिससे विपक्षी टीम पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना रहा।
बुमराह की वापसी का ऐलान
दूसरे टेस्ट के बाद शुभमन गिल ने जसप्रीत बुमराह को लेकर भी बड़ा अपडेट दिया। उन्होंने बताया कि
“बुमराह लॉर्ड्स टेस्ट में वापसी करेंगे। हमें पहले ही पता था कि वे पूरे पांचों टेस्ट नहीं खेल पाएंगे। एजबेस्टन में उन्हें आराम दिया गया और अब वे तीसरे मैच में फिर गेंदबाजी करते नजर आएंगे।”
बुमराह की वापसी से टीम इंडिया को निश्चित रूप से मजबूती मिलेगी। पहले टेस्ट में उन्होंने भले ही विकेट लिए थे, लेकिन टीम जीत से दूर रह गई थी। अब जब भारतीय टीम जीत की लय में है, बुमराह का आना विपक्ष पर और भी दबाव बनाएगा।
गिल की सोच में नजर आई परिपक्वता
गिल का यह बयान कि टीम के भीतर साथियों का भरोसा उनके लिए बाहर की राय से कहीं ज्यादा मायने रखता है, यह बताता है कि उन्होंने क्रिकेट के मानसिक पहलुओं पर काफी काम किया है। यह सोच उन्हें एक पैशन से भरे युवा बल्लेबाज़ से एक परिपक्व कप्तान की श्रेणी में लाती है।
आगे की राह
तीसरा टेस्ट लॉर्ड्स में खेला जाएगा, जहां दोनों टीमों की नजर अब सीरीज में बढ़त लेने पर होगी। भारत ने दूसरा मैच जीतकर सीरीज 1-1 से बराबर कर ली है। अब गिल के पास मौका है खुद को और अधिक मजबूत कप्तान के रूप में स्थापित करने का।
निष्कर्ष:
शुभमन गिल की कप्तानी में भारत की एजबेस्टन में ऐतिहासिक जीत न केवल टीम के लिए, बल्कि उनके व्यक्तिगत करियर के लिए भी मील का पत्थर साबित हुई है। उन्होंने अपने आलोचकों को शांत करते हुए दिखा दिया कि वह सिर्फ एक स्टाइलिश बल्लेबाज़ नहीं, बल्कि एक मैच विनिंग लीडर भी हैं।