मुंबई, 15 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सांसद हनुमान बेनीवाल के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस बंगले का बिजली बिल बकाया होने की बात कही गई, वह सरकारी है और बिल भरना भी संबंधित विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिल की अंतिम तिथि 17 जुलाई है और सरकार की ओर से उसे समय पर जमा करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे वहां शिफ्ट हुए अभी डेढ़ महीना ही हुआ है, ऐसे में यह आरोप सिर्फ सियासी स्टंट है। स्मार्ट मीटरों को लेकर कांग्रेस द्वारा निकाली गई विरोध रैली पर पलटवार करते हुए मंत्री नागर ने कहा कि यह योजना कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में ही राजस्थान डिस्कॉम की ओर से करीब 5 लाख 50 हजार से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके थे। अब उसी कांग्रेस के नेता जनता को गुमराह कर रहे हैं, जबकि उस समय उन्होंने इसका विरोध नहीं किया। उन्होंने प्रताप सिंह खाचरियावास पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वे स्वयं मंत्री थे तब इस योजना पर सवाल नहीं उठाए, लेकिन अब विपक्ष में आकर विरोध करना दोहरे रवैये का प्रमाण है। नागर ने बताया कि कई विपक्षी नेताओं के घरों पर भी स्मार्ट मीटर पहले से लगे हैं, लेकिन उन्हें इस योजना से कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि उन्हें इसकी सच्चाई पता है। उन्होंने कहा कि हमने स्मार्ट मीटरों के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जो पूरी तरह से इंस्टॉल हो चुका है। जैसे ही सभी उपभोक्ता इससे जुड़ेंगे, मैनुअल रीडिंग और फिजिकल बिल की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी और उपभोक्ता को मोबाइल पर ही बिल मिलेगा, जिसे वह डिजिटल माध्यम से चुका सकेगा। इससे बिजली आपूर्ति में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी।
ऊर्जा मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या यह दोहरापन नहीं है कि जिस योजना को उन्होंने खुद लागू किया, अब उसी का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत स्वयं कहते थे कि जनकल्याणकारी योजनाओं में राजनीति नहीं होनी चाहिए, फिर अब कांग्रेस इसे सियासी मुद्दा क्यों बना रही है। हीरालाल नागर ने बताया कि गहलोत सरकार के समय ही स्मार्ट मीटरिंग के टेंडर जारी किए गए थे। 15 जुलाई 2019 को अजमेर डिस्कॉम और 1 अगस्त 2019 को जोधपुर डिस्कॉम ने मैसर्स ईईएसएल को कार्यादेश जारी किया था। जयपुर डिस्कॉम ने 2020-21 से 2023-24 तक चार वर्षों में लाखों की संख्या में स्मार्ट मीटर लगाए थे। अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम में भी बड़ी संख्या में मीटर इंस्टॉल किए गए। नागर ने यह भी बताया कि 2018 से 2023 के दौरान डिस्कॉम पर 88 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ गया था, जिसे सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने 2021 में पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (RDSS) को मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस योजना को पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ लागू कर रही है ताकि बिजली व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।