मुंबई, 20 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) दक्षिण अफ्रीका के घास के मैदानों और फाईनबोस क्षेत्रों में पाए जाने वाले 'रिनखाल' सांप अपनी रक्षा के लिए एक अनोखी और आश्चर्यजनक रणनीति के लिए जाने जाते हैं। यह सांप न केवल अपने जहर से दुश्मनों को दूर भगाता है, बल्कि जरूरत पड़ने पर मरने का नाटक भी करता है। यह रणनीति इतनी सटीक होती है कि शिकारी भी धोखा खा जाते हैं।
एक अनोखा और जहरीला सांप
रिनखाल सांप, जिसे अंग्रेजी में Rinkhal कहा जाता है, कोबरा परिवार के एलापिड समूह का हिस्सा है। यह एकमात्र ऐसा गैर-कोबरा सांप है जो जहर थूकने की क्षमता रखता है। सामान्यतः यह 3 से 3.5 फीट लंबा होता है और इसका रंग ग्रे, भूरा या गहरा काला होता है। इसके गले पर क्रीम रंग की धारियां होती हैं, जो तब दिखती हैं जब यह अपनी फन फैलाता है। यह सांप अक्सर शहरी इलाकों में भी पाया जाता है, जहाँ यह मेढकों, चूहों और छोटे कृन्तकों का शिकार करता है।
आत्मरक्षा के दो अचूक तरीके
रिनखाल की आत्मरक्षा की रणनीति बेहद दिलचस्प है और इसमें दो मुख्य चरण शामिल हैं:
जहर थूकना:
खतरे का आभास होने पर, यह सांप कोबरा की तरह अपना फन फैलाता है और अपनी शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन और साइटोटॉक्सिन से भरे जहर को दुश्मन की आँखों पर थूकता है। यह जहर आंखों में असहनीय दर्द, सूजन और अस्थायी अंधापन पैदा करता है, जिससे सांप को भागने का मौका मिल जाता है।
मौत का नाटक:
यदि जहर थूकने की रणनीति विफल हो जाती है या सांप खुद को फंसा हुआ महसूस करता है, तो वह मरने का नाटक करता है। इस "नाटकीय प्रदर्शन" में वह अचानक से हिंसक व्यवहार दिखाता है और फिर एकदम से शांत होकर बेजान हो जाता है। वह अपना पेट ऊपर कर लेता है, जीभ बाहर निकाल लेता है और कुछ मिनटों तक इस अवस्था में रहता है। यह नाटक इतना प्रभावी होता है कि शिकारी सांप को मरा हुआ समझकर उसे अकेला छोड़ देते हैं।
रिनखाल की यह अनोखी और रचनात्मक रणनीति उसे प्रकृति में जीवित रहने में मदद करती है, और इसी कारण यह सांप वैज्ञानिक और पशु प्रेमियों दोनों के बीच जिज्ञासा का केंद्र बना हुआ है।